अंधश्रध्दा के खिलाफ अंनिस की जनजागृति

वाशिम अंधश्रध्दा के खिलाफ अंनिस की जनजागृति

Anita Peddulwar
Update: 2022-11-20 11:30 GMT
अंधश्रध्दा के खिलाफ अंनिस की जनजागृति

डिजिटल डेस्क,  वाशिम। जल, जंगल व ज़मीन और कुल मिलाकर मानवी अधिकार के अस्तित्व से अवगत करानेवाले क्रांतिकारी धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती पर ग्राम सावंगा जहांगीर में महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति वाशिम शाखा और समस्त ग्रामीणों की ओर से चमत्कार प्रस्तुतिकरण व प्रबोधनात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस अवसर पर महाराष्ट्र अंनिस वाशिम के कार्याध्यक्ष पी.एस खंडारे ने संत गाडगेबाबा की वेशभूषा में समाज प्रबोधन करते हुए विविध चमत्कार और जादू के प्रयोगाें का प्रस्तुतिकरण करते हुए समाज की विविध अंधश्रद्धा और बुरे रीति-रिवाजों तथा रुढिवादी परम्पराओं पर हमला बोला । बिरसा मुंडा ने तत्कालिन विकट परिस्थिति में शिक्षा हासिल कर समस्त समाज का एकत्रित करते हुए संघर्ष खड़ा किया ।

ऐसा करते समय समाज हमेशा एकजुट रहे, इस हेतु लगातार प्रयास भी किए । केवल 25 वर्ष की आयू में 100 वर्ष जीकर भी कोई भी अस्तित्व निर्माण न कर पानेवाले व्यक्ति को शर्मानेवाला पराक्रम बिरसा मुंडा ने किया, ऐसा प्रतिपादन नाजूकराव भोंडणे ने प्रास्ताविक में किया । कार्यक्रम में प्रा. महेश देवले ने उपस्थितों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज आज भी सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक दृष्टि से पिछड़ेपन से जीवन गुज़ारता दिखाई दे रहा है । इस प्रमुख कारण यह है की हमारे समाज को अज्ञान व अंधश्रद्धा दुर रखकर व्यसनमुक्त जीवन जीना आवश्यक है ।

महामानव विश्वरत्न डा. बाबासाहब आंबेडकर के विचाराें को हम जब तक कृतिशील अंगीकार नहीं करेंगे, तब तक हमें अपने महापुरुषाें के विचार नहीं समझेंगे । हमने यदि अपने व्यसनाें पर खर्च कम किया और अपने बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया तो कोई भी हमारी प्रगति रोक नहीं सकता, ऐसा प्रतिपादन भी उन्होंने किया । पी.एस. खंदारे ने समाज की अंधश्रद्धा, अनिष्ट प्रथा दुर करने के लिए गाडगे बाबा की वेशभूषा कर सप्रयोग व्याख्यान दिए तो डा. महादेवराव डाखोरे ने बिरसा मुंडा के जीवन पर ऐतिहासिक दाखले देते हुए मार्गदर्शन किया । कार्यक्रम में ग्रामीण बड़ी तादाद में उपस्थित थे । कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बिरसा मुंडा जयंती मंडल के कार्यकर्ताओं ने परिश्रम किया ।
 

Tags:    

Similar News