नागपुर शहर में 84%, ग्रामीण में 75% लोगों में एंटीबॉडी तैयार

नए वैरिएंट से लड़ने की तैयारी नागपुर शहर में 84%, ग्रामीण में 75% लोगों में एंटीबॉडी तैयार

Anita Peddulwar
Update: 2021-12-08 05:14 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में कोरोना की स्थिति जानने के लिए सीरो सर्वे किया गया था। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को देखते हुए सीरो सर्वे की रिपोर्ट का प्रशासन को इंतजार था। मंगलवार को यह रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, शहर में 84 फीसदी लोगों में कोरोना का प्रसार हो चुका था। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में 75.92 फीसदी लोग कोरोना संक्रमित हो चुके थे। उनके सैंपल में एंटीबॉडी पाई गई है। जाने-अनजाने में कोरोना होने के बाद एंटीबॉडी तैयार हो चुकी है। इसके बावजूद यह लोग कोरोना संक्रमण से प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए सुरक्षा नियमों का पालन करने का आह्वान किया गया है।  

धंताेली जोन व पारशिवनी तहसील सर्वाधिक प्रभावित
सीरो सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, शहर के 84 फीसदी व ग्रामीण के 75.92 फीसदी लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ था। शहर व ग्रामीण को मिलाकर औसतन 80 फीसदी सैंपल में एंटीबॉडी पाई गई है। शहर के दस जाेन में धंतोली जाेन में इनकी संख्या सर्वाधिक है। ग्रामीण में पारशिवनी तहसील सर्वाधिक प्रभावित रही है।

20 अक्टूबर से 27 नवंबर तक सर्वे
जिले में 20 अक्टूबर से 27 नवंबर तक सीरो सर्वेक्षण किया गया। इस दौरान नागरिकों के रक्त के नमूने लिए गए। एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए  रक्त के नमूने मेडिकल प्रयोगशाला में भेजे गए। शहर के 10 जोन में प्रति जोन 310 सैंपल के हिसाब से कुल 3100 सैंपल लिए गए थे। ग्रामीण की 13 तहसीलों में भी 3100 सैंपल लिए गए थे। 

इनका मिला साथ
सीरो सर्वे के बाद सैंपल की जांच मेडिकल की प्रयोगशाला में पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष डॉ. संजय जोडपे के मार्गदर्शन में की गई। मेडिकल के अधिष्ठाता डॉ. सुधीर गुप्ता, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. नार्लावार, बायोकेमिस्ट्री विभाग के एचओडी डॉ. मुरहर के साथ अन्य टीम ने मदद की। सैंपल लेने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया था। मनपा आयुक्त और जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थी।

नियमों का पालन जरूरी 
शरीर में एंटीबॉडी तैयार होने का अर्थ वह शख्स पूरी तरह सुरक्षित है, ऐसा नहीं है। जिले में औसत 80.05 फीसदी में लोगों में एंटीबॉडी जरूर है, लेकिन 20 फीसदी आबादी अभी भी संक्रमण के खतरे में है। कोरोना के नए वैरिएंट का असर जिनमें एंटीबॉडी बनी है, उनको भी प्रभावित कर सकती है। इसलिए काेविड से बचने के लिए बनाए गए नियमों का पालन करने की सलाह विशेषज्ञों ने दी है।

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