मेट्रो में एपीट्रैक तकनीक से ट्रैक बिछाने के कार्य को मिली गति, एक बार में हो रहा 75 प्रतिशत कार्य पूरा

मेट्रो में एपीट्रैक तकनीक से ट्रैक बिछाने के कार्य को मिली गति, एक बार में हो रहा 75 प्रतिशत कार्य पूरा

Anita Peddulwar
Update: 2019-12-09 08:01 GMT
मेट्रो में एपीट्रैक तकनीक से ट्रैक बिछाने के कार्य को मिली गति, एक बार में हो रहा 75 प्रतिशत कार्य पूरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। "माझी मेट्रो" के कार्य को गति दिलाने आधुनिक मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। इसी कड़ी में  ट्रैक निर्माण कार्य के लिए महामेट्रो एपीट्रैक तकनीक का उपयोग कर रहा है। एपीट्रैक तकनीक का उपयोग ब्लास्टलेस ट्रैक पर किया जाता है। साथ ही वायडक्ट की नई कांक्रीट में ट्रैक लेइंग मशीन की सहायता से बेसप्लेट और डॉवेल्स सहजता से बिछाई जाती है। इससे ट्रैकलेइंग का कार्य जल्दी पूरा होता है।

तकनीक की मदद से वायडक्ट पर रोजाना 200 मीटर ट्रैक तैयार िकया जा रहा है। एपीट्रैक तकनीक के उपयोग से पारंपरिक पद्धति की तुलना में दोगुना गति से कार्य होता है। इससे ट्रैक पर एक बार में ही 75 प्रतिशत कार्य हो जाता है। साथ ही ट्रैक पर साफ-सफाई की जरूरत नहीं होने से कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर भी काेई प्रभाव नहीं पड़ता। मेट्रो का कार्य जैसे-जैसे पूर्णता की ओर बढ़ रहा है लोगों में भी खास उत्साह बना हुआ है। 

अजनी रेलवे पुल पर लगा ओवरहेड बैरियर गिरा
अजनी रेलवे पुलिया पर भारी वाहनों की आवाजाही रोकने ओवरहेड बैरियर लगाए गए हैं। रविवार की रात एक चार पहिया चालक ने लापरवाही से वाहन चलाते हुए ओवरहेड बैरियर को टक्कर मार दी, जिससे बैरियर पुल पर गिर पड़ा। हालांकि इसमें किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। घटना के बाद काफी देर तक यातायात बाधित रहा।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार की रात करीब 10.30 बजे अजनी रेलवे स्टेशन की ओर से आ रहे एक चार पहिया के चालक ने अजनी रेलवे पुल पर लगे ओवरहेड बैरियर को टक्कर मारकर फरार हो गया। वाहन रेलवे पुल पर लगे पहले बैरियर को पार कर गया, लेकिन दूसरे बैरियर से टकरा जाने से बैरियर गिर गया। इससे देर रात तक यातायात बाधित हो गया था। कुछ नागरिकों ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को घटना की सूचना की जानकारी दी। 

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