पिंपलखुटा के खेतबस्ती पर शस्त्र डकैती, लोग दहशत में

जालना पिंपलखुटा के खेतबस्ती पर शस्त्र डकैती, लोग दहशत में

Anita Peddulwar
Update: 2021-12-25 14:45 GMT
पिंपलखुटा के खेतबस्ती पर शस्त्र डकैती, लोग दहशत में

डिजिटल  डेस्क, जालना।   जालना जिले के जाफराबाद तहसील अंतर्गत पिंपलखुटा गांव में स्थित खेत बस्ती पर राजू खोसरे के खेत पर गत रात 4-5  डाकुओं द्वारा कुल्हाड़ी व शस्त्र से हमला कर लाखों रुपए का माल लूटने की घटना सामने आई है। घटना में चार महिलाएं गंभीर रूप से घायल हुई है। इस संदर्भ में सूत्रों ने बताया कि, जिले के जाफराबाद तहसील अंतर्गत पिंपलखुटा गांव में स्थित राजू खोसरे के खेत बस्ती पर गत रात अज्ञात 4-5  डाकुओं की टोली द्वारा डाका डाला गया। इन डाकुओं ने कुल्हाड़ी, लोहे के सरिए व लकड़ी के डंडे से खेत बस्ती पर रहनेवाले लोगों पर हमला किया। डाकुओं ने यहां पर महिलाओं के गले में पहने सोने-चांदी के आभूषण व नगद राशि उड़ा ली। तहसील के निमखेडा मार्ग पर स्थित पिंपलखुंटा में बने खेत बस्ती पर हुई डकैती की घटना से किसान, नागरिकों में भय बना है। विगत रात खेत बस्ती पर रहनेवाले किसान, श्रमिक व नागरिकों की खेत बस्ती पर डाकुओं के हमले की घटना में चार महिलाएं गंभीर रूप में घायल हुई है।

 सूत्रों ने आगे बताया कि,  डाकुओं ने डकैती की इस घटना को अंजाम देने के पहले आस पड़ोस के घरों के दरवाजों को बाहर से बंद किया था। डाकुओं ने राजू खोसरे के खेत बस्ती पर हमला किया। वहां की महिलाओं पर कुल्हाड़ी, लोहे की रॉड व लकड़ी के डंडे से महिलाओं पर हमला किया। डकैती की इस घटना में सखु रामदास खोसरे, रंजना संजय गाडेकर, लता रमेश गाडेकर व सुनीता कैलास देवडे यह चार महिलाएं गंभीर रूप से घायल हुई है। घायल महिलाओं को जालना के सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। डाकुओं ने इन महिलाओं के शरीर पर पहने सोने-चांदी के आभूषण, घर में स्थित लोहे की पेटी में रखे 15 हजार रुपए नगद, सोने की अंगूठी ऐसा तकरीबन साढ़े चार लाख रुपए का माल उड़ाया। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस उपविभागीय अधिकारी इंदलसिंग बहुरे, पुलिस निरीक्षक रमेश जायभाये ने घटनास्थल पहुंचकर मामले को जांच कर पंचनामा किया। इस मामले में सुनीता कैलास देव्हडे की फरियाद पर अज्ञात डाकुओं के विरूध्द अपराध दर्ज किया गया। मामले की जांच के लिए पुलिस ने श्वानदस्ता बुलाया था। घटना से खेत बस्ती पर रहनेवाले किसान, श्रमिक व नागरिकों में भय बढ़ रहा है।  

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