मॉनसून के बावजूद महाराष्ट्र में जलापूर्ति के लिए टैंकरों का इस्तेमाल ज्यादा

मॉनसून के बावजूद महाराष्ट्र में जलापूर्ति के लिए टैंकरों का इस्तेमाल ज्यादा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-10 18:58 GMT
मॉनसून के बावजूद महाराष्ट्र में जलापूर्ति के लिए टैंकरों का इस्तेमाल ज्यादा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में इस साल जलापूर्ति के लिए मई महीने की तुलना में मानसून के आगमन के बावजूद जून में लगभग दोगुना टैंकरों की जरूरत पड़ रही है। राज्य में फिलहाल सरकारी और निजी मिलाकर 1721 टैंकर पेयजल के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि जबकि मई महीने के पहले सप्ताह में 937 टैंकरों से जलापूर्ति हो रही थी। गर्मी में उपराजधानी में टैंकरों की आवश्यकता नहीं पड़ी थी लेकिन अब नागपुर में 40 टैंकरों का उपयोग जलापूर्ति के लिए किया जा रहा है।

प्रदेश सरकार के जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग के अनुसार राज्य के 1705 गांवों और 1358 बस्तियों में 1721 टैंकरों का इस्तेमाल हो रहा है। राज्य में सबसे अधिक मराठवाड़ा में 936 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। औरंगाबाद में 606, जालना में 125, नांदेड़ में 124, बीड़ में 15, परभणी में 42, हिंगोली में 21 और लातूर में 3 टैंकरों का समावेश है। अमरावती विभाग में 314 टैंकर शुरू हैं जिसमें अमरावती जिले में 13, अकोला में 73, वाशिम में 40, बुलढाणा में 90 और यवतमाल में 98 टैंकरों का समावेश है।

उत्तर महाराष्ट्र के पांच जिलों में 252 टैंकरों का इस्तेमाल हो रहा है। जिसमें से नाशिक में 75, जलगांव में 106, अमहदनगर में 54, धुलिया में 16 और नंदूरबार में 1 टैंकर शुरू हैं। नागपुर विभाग के कुल 42 टैंकरों में से नागपुर में 40, वर्धा में 1, और चंद्रपुर में 1 टैंकर लगे हुए हैं। कोंकण विभाग में 103 और पुणे विभाग में 74 टैंकरों का उपयोग को रहा है।

 

 

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