कोविड-19 के मरीजों की जांच व प्रबंधन में अहम साबित होगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

कोविड-19 के मरीजों की जांच व प्रबंधन में अहम साबित होगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

Anita Peddulwar
Update: 2020-06-15 10:43 GMT
कोविड-19 के मरीजों की जांच व प्रबंधन में अहम साबित होगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोविड-19 के मरीजों की जांच के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग मरीजों की जल्द से जल्द पहचान में अहम भूमिका निभा सकता है। यह विचार यूके के एआईफोर लिमिटेड के सीईओ डॉ. वैभव देशपांडे ने नीरी में ‘नीरी में फाइट अगेंस्ट कोविड-19 ए पीक इन टू ग्लोबल सीन’ विषय पर आयोजित पैनल डिस्कशन में व्यक्त किए। 

बीमारियों का पता लगाने प्रभावी सॉफ्टवेयर तैयार करें
डॉ. देशपांडे ने कोविड-19 के मरीजों की जांच में आ रहे तकनीकी बदलाव के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने वैज्ञानिकों से ऐसा प्रभावी सॉफ्टवेयर तैयार करने को कहा है जिससे छाती के एक्सरे से कोविड-19 के पॉजिटिव मरीजों का पता लगाया जा सके। यह सारी, न्यूमोनिया समेत अन्य बीमारियों का पता लगाने में भी सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस अस्पताल प्रबंधन में भी अहम भूमिका निभा सकता है। पैनल डिस्कशन सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल और डीएसआईआर के सचिव डॉ शेखर मांडे, जापान के सिटी काउंसिलर योगेंद्र पुराणिक, एआईफोर लिमिटेड यूके के सीईओ डॉ. वैभव देशपांडे, वीपीफार्मा चीन के डॉ. दीपक हेगडे, फ्लोरिडा स्थित यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल की डॉ. अस्मिता गुप्ते, केईए हॉस्पिटल मुंबई की डॉ. अमिता अाठवले, यूएसए स्थित पीस सीईओ डॉ. विक्रम पत्ररकिने, सीएसबाईआर पुणे के डॉ. अमोल कुलकर्णी और नीरी के डायरेक्टर डॉ. राकेश कुमार शामिल हुए।

रोकथाम के लिए पांच स्तरों पर काम
डॉ. मांडे ने बताया कि कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए अपेक्षित उपाय खोजने हेतु सीएसआईआर पांच स्तर पर काम कर रहा है। इनमें डिजिटल और मॉलिक्युलर निगरानी, तीव्र और कम खर्चीला निदान (डाइइग्नॉस्टिक्स), नई दवाएं व वैक्सीन, अस्पतालों के लिए सुरक्षा यंत्र, पीपीई किट, सपोर्ट सिस्टम की आपूर्ति शामिल हैं। इसके लिए निजी क्षेत्र में काम करने वाली बड़ी कंपनियां भी सहयोग कर रही हैं। 

साफ-सफाई व मास्क की आदत से जापान में कम मामले योगेंद्र पुराणिक ने बताया कि जापान में लोगों के मास्क पहनने और साफ-सफाई की आदत के कारण कोविड-19 के मामले अपेक्षाकृत कम सामने आए हैं। यहां तक कि जापान में कभी भी पूर्ण लॉकडाउन अपनाने की जरूरत नहीं पड़ी।
 

 

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