कांग्रेस में शामिल हुए आशीष देशमुख, कहा- भाजपा ने विदर्भ की जनता से धोखा किया है
कांग्रेस में शामिल हुए आशीष देशमुख, कहा- भाजपा ने विदर्भ की जनता से धोखा किया है
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा की सदस्यता व भाजपा से इस्तीफा देने के बाद आशीष देशमुख ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देशमुख का पार्टी प्रवेश पर अभिनंदन किया। कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत, प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, सचिन पायलट उपस्थित थे। 2 अक्टूबर को देशमुख ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। उसे 6 अक्टूबर को मंजूर किया गया। उसके बाद देशमुख ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा के लिए अमित शाह को पत्र लिखा था। देशमुख ने कहा है कि भाजपा ने विदर्भ की जनता के साथ धोखा किया है। उसका नुकसान उसे होगा। राहुल गांधी के नेतृत्व में देश का युवा वर्ग सत्ता परिवर्तन के लिए तैयार है।
लोकसभा चुनाव की तैयारी
आशीष देशमुख ने लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी आरंभ की है। उन्होंने खुलकर कहा भी है कि अब वे विधानसभा के बजाय लोकसभा के चुनाव में ही रुचि रखते हैं। 2014 के चुनाव में उन्होंने काटोल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में अपने चाचा अनिल देशमुख को पराजित किया था। अनिल देशमुख भी राज्य की राजनीति में प्रभावी स्थान रखते है। शिवसेना के नेतृत्व की युति सरकार में वे मंत्री थे। बाद में राकांपा में शामिल हुए। राकांपा व कांग्रेस के नेतृत्व की सरकार में 10 साल तक मंत्री रहे। देशमुख परिवार का जिले की राजनीति में दबदबा रहा है। आशीष के पिता रणजीत देशमुख कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। मंत्री भी रहें हैं। करीब दो वर्ष से आशीष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विरोध में मोर्चा खोल रखा था। भाजपा में रहते हुए सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन के अलावा पदयात्रा भी करते रहे। फिलहाल वे नागपुर लोकसभा क्षेत्र में नितीन गडकरी के विरोध में चुनाव लड़ने की तैयारी भी व्यक्त कर चुके हैं।
नई दिशा की तलाश
आशीष देशमुख राजनीति में नई दिशा की तलाश भी लंबे समय से कर रहे हैं। भाजपा के बागी यशवंत सिन्हा व शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा आम आदमी पार्टी के नेता संजयसिंह के साथ मिलकर वे सरकार के विरोध में सभाएं ले चुके हैं। काटोल के अलावा अन्य स्थानों पर उनकी सरकार विरोधी सभाएं हुई है। रणजीत देशमुख की तरह आशीष देशमुख भी समय समय पर विदर्भ राज्य निर्माण की मांग उठाते रहे हैं। फिलहाल वे विदर्भ राज्य की मांग के साथ ही भाजपा से अलग हुए हैं।