मराठा आरक्षण को लेकर पिछड़ा आयोग 15 नवंबर तक सरकार को सौंपेगा रिपोर्ट
मराठा आरक्षण को लेकर पिछड़ा आयोग 15 नवंबर तक सरकार को सौंपेगा रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि मराठा आरक्षण को लेकर राज्य पिछड़ा आयोग सरकार को 15 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को हलफनामे के स्वरुप में मराठा आरक्षण के विषय में हाईकोर्ट में प्रगति रिपोर्ट पेश की गई। हाईकोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता विनोद पाटील की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मांग की गई है कि आयोग को एक तय समय सीमा के भीतर अपना काम पूरा करने का निर्देश दिया जाए। ताकि माराठा आरक्षण के मुद्दे पर निर्णय लिया जा सके।
जस्टिस आरएम सावंत व जस्टिस केके सोनवाने की खंडपीठ के सामने इस मामले को लेकर सुनवाई चल रही है। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रवि कदम ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों व नौकरी में आरक्षण के विषय में आयोग की सिफारिसे सरकार को 15 नवंबर तक मिल जाएगी।
45 हजार मराठा परिवार के लोगों से विशेषज्ञ एजेंसी ने ली जानकारी
सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त सचिव की ओर से दायर किए गए हलफनामे के मुताबिक विशेषज्ञ एजेंसी ने इस मामले को लेकर 45 हजार मराठा परिवारों से बात करके जानकारी इक्टठा की है। इस दौरान मिली जानकारी व आकड़ों का फिलहाल विश्लेषण किया जा रहा है। इसके साथ मराठा समुदाय के सामाजिक,आर्थिक व ऐतिहासिक पहलू को लेकर मिली जानकारी की भी समीक्षा हो रही है। इसके लिए कई शिक्षाविदों व विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। सरकारी नौकीर में मराठा समुदाय के कितने लोग कार्यरत है यह जानकारी भी आयोग को मिल चुकी है। आयोग जल्द ही सारी जानकारी का अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट तैयार कर लेगा। और 15 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौप देगा। सरकार के हलफनामे को रिकार्ड में लेने के बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी।