शरद पवार पर आपत्तिजनक ट्विट करने वाले युवक को जमानत

एक माह से है जेल में शरद पवार पर आपत्तिजनक ट्विट करने वाले युवक को जमानत

Anita Peddulwar
Update: 2022-06-21 14:18 GMT
शरद पवार पर आपत्तिजनक ट्विट करने वाले युवक को जमानत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार पर आपत्तिजनक ट्विट करनेवाले युवक को में जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि आरोपी फार्मेसी का छात्र है और वह करीब एक माह से जेल में है। इसलिए हम उसे जमानत पर रिहाई को लेकर अंतरिम आदेश जारी करते है। खंडपीठ ने कहा कि भामरे के खिलाफ अब इस मामले को लेकर कड़ी कार्रवाई न की जाए। नाशिक निवासी भामरे ने खुद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने भामरे के खिलाफ कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। इसके साथ ही कहा था कि यदि इस मामले में सरकार स्वेच्छा से आरोपी युवक की रिहाई का विरोध न करे तो ही उसका बड़प्पन व सम्मान बचेगा। कोर्ट ने कहा था कि आरोपी ने अपने ट्विट मे किसी के नाम का उल्लेख नहीं किया है फिर उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों की गई है। भामरे को पुलिस ने 13 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है। 

पुलिस ने भामरे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 505(2),506,107 व 153 के तहत मामला दर्ज किया है। मंगलवार को जब भामरे की याचिका जब खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी तो सरकारी वकील अरुणा पई ने कहा कि भामरे के खिलाफ कुल 6 एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें से तीन मामलों में उसकी गिरफ्तारी हो चुकी है। नाशिक के दिंडोरी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के मामले में आरोपी को जमानत मिल चुकी है। जबकि दो मामलों में जमानत आवेदन खारिज हो चुका है। आरोपी ने जमानत आवेदन खारिज होने के फैसले को चुनौती नहीं दी है।  वहीं आरोपी की ओर से पैरवी कर रहे वकील सुभाष झां ने कहा कि किसी भी मामले में पुलिस ने गिरफ्तारी से पहले उनके मुवक्किल को नोटिस नहीं दी है। ऐसे मामले में कई एफआईआर दर्ज करके मेरे मुवक्किल की गिरफ्तारी नहीं की जानी चाहिए थी।  इस तरह खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी को राहत प्रदान की और कहा कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के पीछे जनहित जुड़ा है। इसे स्वीकार नहीं कर सकते। खंडपीठ ने कहा कि  हम इस मामले में विस्तृत आदेश बाद में जारी करेंगे। खंडपीठ ने अब याचिका पर सुनवाई तीन सप्ताह बाद रखी है। 

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