दहेज प्रताड़ना मामले को स्थानांतरित करने पर रोक

कोर्ट का फैसला दहेज प्रताड़ना मामले को स्थानांतरित करने पर रोक

Anita Peddulwar
Update: 2021-12-03 10:07 GMT
दहेज प्रताड़ना मामले को स्थानांतरित करने पर रोक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने दहेज प्रताड़ना के मामले को चंद्रपुर से पुणे स्थानांतरित करने पर रोक लगा दी है। इस मामले में रामनगर पुलिस स्टेशन, चंद्रपुर पुलिस अधीक्षक और चतुश्रंृगी पुलिस स्टेशन को प्रतिवादी बनाया गया है। दो सदस्यों की खंडपीठ में न्यायमूर्ति महेश सोनक और पुष्पा गणेडीवाला ने चंद्रपुर पुलिस में दर्ज एफआईआर पर सघन जांच करने का भी निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता पीड़िता की ओर से चंद्रपुर के रामनगर पुलिस स्टेशन ने दहेज प्रताड़ना के मामले को पुणे के चतुश्रंृगी पुलिस स्टेशन में स्थानांतरण को लेकर विरोध जताया था। 

क्या है मामला 
चंद्रपुर निवासी याचिकाकर्ता केतकी भरत पाठक (29) ने चंद्रपुर के रामनगर पुलिस स्टेशन के विरोध में हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है। याचिका में बताया गया है कि आरोपी पति भरत पाठक और परिजनों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के खिलाफ में 5 फरवरी 2021 को शिकायत की गई थी। चंद्रपुर के रामनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने मामले को पुणे के चतुश्रंृगी पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने का दबाव बनाया। इससे पहले पीड़िता ने 1 मार्च 2019 को भी पति, ससुर, सास और ननद के खिलाफ पुणे के चतुश्रंृगी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शिरीन मेघे ने सर्वोच्च न्यायालय ने आदेशों के उल्लंघन करने का हवाला देते हुए चंद्रपुर पुलिस के निर्णय पर रोक लगाने की मांग की। प्रतिवादियों की ओर से अधिवक्ता एस एस डोईफोड़े ने  पक्ष रखा। 

 

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