एआईएफ योजना में अभी तक प्रदेश में 4210 करोड़ की राशि बैंको ने की स्वीकृत

भोपाल एआईएफ योजना में अभी तक प्रदेश में 4210 करोड़ की राशि बैंको ने की स्वीकृत

Manuj Bhardwaj
Update: 2023-03-17 14:46 GMT
एआईएफ योजना में अभी तक प्रदेश में 4210 करोड़ की राशि बैंको ने की स्वीकृत

डिजिटल डेस्क, भोपाल। एमपी फार्म गेट एप तथा प्रदेश में भारत सरकार की योजना कृषि अवसंरचना निधि एआईएफ की विशेषताओं का प्रचार-प्रसार करने कृषकों, व्यापारियों, उद्यमियों, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों को इन योजनाओं की मुख्य विशेषताएं जैसे फसलोपरांत प्रबंधन एवं सामुदायिक खेती संबंधित परियोजना की जानकारी मंडी बोर्ड भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केंद्र रायसेन में गुरूवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया।

एआईएफ पोर्टल का तकनीकी प्रशिक्षण भी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिया गया। कार्यशाला में हितग्राहियों को हर संभव सहायता मुहैया कराना और इससे लाभान्वित होने का आव्हान किया। एआईएफ योजना में अभी तक रायसेन जिले में 325 आवेदनों में 318 करोड़ रूपये तथा प्रदेश में 5460 आवेदनों में 4210 करोड़ रूपये की राशि बैंको द्वारा स्वीकृत की जा चुकी है जिससे म.प्र. देश में प्रथम स्थान पर हैं।  

भारत सरकार की योजना एआईएफ की प्रशंसा करते हुए इस महत्वापूर्ण अवसर का लाभ उठाने हेतु कलेक्टर द्वारा मार्गदर्शन दिया। देश में कृषि अधोसंरचना सुधार के क्रम में वित्तीय सहायता देने के उददेश्य से कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) योजना का संचालन किया जा रहा है। जिसमें एक लाख करोड़ रूपये का भारत सरकार द्वारा कोष सृजित किया गया है। योजना में बैंकों से ऋण लेने पर राशि रूपये दो करोड़ तक योजना स्वीकृत होने पर तीन प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज की छूट हितग्राही को उपलब्ध  कराई जा रही है।  

अपने उदबोधन में कलेक्टर महोदय द्वारा एमपी फार्म गेट ऐप तथा एआईएफ योजना की  उपयोगिता बतायी गई, जिसमें कृषकों को उनकी कृषि उपज का अधिकतम मूल्य एवं उनके रखरखाव के संबंध मे जानकारी दी गई तथा उपस्थित प्रतिभागियों से व्यक्तिगत रुप से चर्चा की, साथ ही इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने हेतु आव्हान किया गया। 

प्रस्तुतीकरण सहायक संचालक मंडी बोर्ड योगेश नागले द्वारा किया गया। कार्यशाला में बड़े स्तर पर रायसेन जिले की 7 मंडियों से आए हुए व्यापारियों तथा कृषकों द्वारा अपनी जिज्ञासा अनुरूप प्रश्न पूछे गए जिसका समाधान कारक उत्तर उपस्थित विशेषज्ञों द्वारा दिया गया।

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