कोरेगांव हिंसा मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं को अंतरिम राहत 14 दिसंबर तक जारी

कोरेगांव हिंसा मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं को अंतरिम राहत 14 दिसंबर तक जारी

Tejinder Singh
Update: 2018-11-22 16:24 GMT
कोरेगांव हिंसा मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं को अंतरिम राहत 14 दिसंबर तक जारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले व माओवादियों से कथित संबंधों को लेकर पुलिस की कार्रवाई को लेकर आशंकित सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े व स्टैन स्वामी को गिरफ्तारी से मिली राहत को बांबे हाईकोर्ट ने 14 दिसंबर तक बढा दिया है। गुरुवार को तीनों याचिकाकर्ताओं की याचिका पर जस्टिस बीपी धर्माधिकारी व जस्टिस सारंग कोतवाल की बेंच के सामने सुनवाई हुई। नवलखा ने अपनी याचिका में खुद के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की है जबकि तेलतुंबडे व स्वामी ने याचिका में आग्रह किया है कि पुलिस को उनके खिलाफ कार्रवाई करने से रोका जाए। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील अरुणा पई ने बेंच को बताया कि इस प्रकरण से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए प्रलंबित है। इस मामले पर तीन 3 दिंसबर को सुनवाई होनी है।

उन्होंने कहा कि अभी भी इस मामले की जांच चल रही है और वह महत्वपूर्ण पडाव पर है। जहां तक बात याचिकाकर्ता स्वामी की है तो हम उसे अभी सिर्फ संदिग्ध के तौर पर देख रहे हैं। इसलिए हम आरोपियों के खिलाफ मौजूद सबूतों का खुलासा नहीं कर सकते। इस पर बेंच ने कहा कि हमे जांच से जुड़े सबूत न दिखाए जाए लेकिन यह स्पष्ट किया जाए की जांच में क्या प्रगति हुई है? बेंच ने सरकार वकील को इस मामले को लेकर 5 दिसंबर तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया और याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर लगी रोक को 14 दिसंबर तक जारी रखा। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान बेंच ने पुलिस को इन तीनों के खिलाफ किसी भी तरह की कड़ी कार्रवाई करने से रोका था।

 दाभोलकर-पानसरे मामले में सीबीआई को फिर मिली हाईकोर्ट की फटकार
इसके अलावा बांबे हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता डां. नरेंद्र दाभोलकर व गोविंद पानसरे मामले की जांच कर रही जांच एजेंसी को मामले में फरार आरोपियों को पता लगाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाने को कहा है। अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जांच एजेंसी का सारा ध्यान गिरफ्तार आरोपियों पर है, वह फरार आरोपियों को पकडने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठा रही है। सीबीआई पानसरे मामले की जांच कर रही है जबकि विशेष जांच दल (SIT) पानसरे मामले की जांच कर रहा है। दोनों की ओर से जस्टिस एससी धर्माधिकारी व जस्टिस भारती डागरे की बेंच के सामने मामले की जांच से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट पेश की गई। इस दौरान सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे एडीशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि हमने मामले से जुड़े कुछ विषयों को मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव दिल्ली स्थिति सीबीआई मुख्यालय भेजा है।

अब हम वहां से अनुमति मिलने का इतंजार कर रहे है। इस पर बेंच ने कहा कि इस तरह केसे मामले में सीबीआई मुख्यालय को विलंब नहीं करना चाहिए। पूरा दुनिया भारत की ओर देख रही है कि यहां पर संवैधानिक मूल्यों व आदर्शों को लागू किया जाता है अथवा नहीं। खास तौर से विचारों की अभिव्यक्ति व धार्मिक स्वतंत्रा को लेकर। SIT की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मुंदरगी ने कहा कि पानसरे मामले की जांच प्रभावी तरीके से चल रही है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने कहा कि जांच एजेंसी सिर्फ गिरफ्तार आरोपियों पर ध्यान न दे वह फरार आरोपियों को पकड़ने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए। बेंच ने फिलहाल मामले की सुनवाई 14 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। 

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