MP: रैगिंग और खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में 4 लड़कियों को पांच-पांच साल की जेल

MP: रैगिंग और खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में 4 लड़कियों को पांच-पांच साल की जेल

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-05 19:33 GMT
MP: रैगिंग और खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में 4 लड़कियों को पांच-पांच साल की जेल

डिजिटल डेस्क, भोपाल। आठ साल पुराने रैगिंग और खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में भोपाल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने शुक्रवार को 4 लड़कियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने इन पर दो-दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। चारों दोषी लड़कियों निधि, दीप्ति, कीर्ति और देवांशी को जेल भेज दिया है। कॉलेज के टीचर मनीष को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया दिया। बता दें कि 2013 में भोपाल के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में रैगिंग से तंग आकर अनिता शर्मा नाम की स्टूडेंट ने खुदकुशी कर ली थी। 

अनिता ने सुसाइड नोट में लिखा था, ‘मैं अनीता शर्मा बी-फार्मा सेकंड ईयर की छात्रा हूं। जब से मैं कॉलेज आई, तभी से मेरे साथ रैगिंग हो रही है। ये चारों लड़कियां (निधि, दीप्ति, कीर्ति और देवांशी) बहुत गंदी हैं। मैंने इन्हें एक साल तक कैसे झेला, ये मैं ही जानती हूं। मुझसे इन्होंने मिड सेम की कॉपी तक लिखवाई थी। शिकायत करने पर मनीष सर ने मुझे कहा कि कॉलेज में रहने के लिए सीनियर्स की बात माननी पड़ती है।’

कोर्ट के फैसले के बाद सरकारी वकील मोहम्मद खालिद कुरैशी ने कहा, "भोपाल में पहली बार रैगिंग के मामले में दोषी पाए जाने पर 4 लड़कियों को सजा सुनाई गई है l RKDF कॉलेज में बी-फार्मा सेकेंड ईयर की छात्रा अनिता शर्मा ने 6 अगस्त 2013 की रात में अपने घर में फांसी लगा ली थी। वह अपने साथ हो रही रैगिंग से परेशान थी। अनिता ने कॉलेज के शिक्षक मनीष को रैगिंग वाली बात बताई थी, लेकिन कार्रवाई करने की जगह उसने छात्रा को चुप रहने की सलाह दी थी।"

अपने फैसले में कोर्ट ने लिखा, "बढ़ती हुई रैगिंग की घटनाओं को देखते हुए सजा इतनी होनी चाहिए कि दूसरे लोगों को ऐसा करने से पहले उसका नतीजा सोचकर डर लगे। आगे से भविष्य के सपने लेकर कॉलेज में एडमिशन लेने वाले किसी स्टूडेंट को सुसाइड करने के लिये मजबूर न होना पड़े।"

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