भोपाल गैंगरेप : पीड़िता बोली चौराहे पर मिले चारों को फांसी

भोपाल गैंगरेप : पीड़िता बोली चौराहे पर मिले चारों को फांसी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-04 17:30 GMT
भोपाल गैंगरेप : पीड़िता बोली चौराहे पर मिले चारों को फांसी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। भोपाल गैंगरेप केस में बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद शासन और प्रशासन पूरी तरह से हरकत में आ गए हैं। मामले की जांच SIT को सौंपने और 6 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होने के बीच ADG अनुराधा शंकर शनिवार गैंगरैप पीड़िता के घर पंहुची। उन्होंने वहां एक घंटे तक छात्रा से बातचीत की। मुलाकात के बाद ADG ने बताया कि बच्ची सदमे से उभर रही है। उन्होंने कहा, "बच्ची बहुत हिम्मती है। वह राक्षसों के खिलाफ लड़ेगी और सजा दिलवाएगी।" इस बीच रविवार को पीड़ित स्टूडेंट ने मीडिया से कहा कि इस घटना के दोषियों को सख्त सजा मिलना चाहिए। चारों को चौराहे पर फांसी दी जाना चाहिए। उसने कहा कि इस मामले में जीआरपी और एमपी नगर थाना पुलिस का रवैया सबसे ज्यादा खराब था। एसपी रेल महिला होने के बाद उसकी तकलीफ नहीं समझ रहीं थीं और टीआई जीआरपी घटना को फिल्मी कहानी बता रहे थे।

 

इससे एक दिन पहले ADG ने कहा कि पीड़िता को सीएम और डीजीपी ने शिक्षा, स्वास्थ्य समेत हर मदद का आश्वासन दिया है। भोपाल पुलिस की ओर से भी विक्टिम कंपनसेशन के तौर पर जल्द ही छात्रा को 3 लाख रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही चौथे आरोपी की भी गिरफ्तारी हो जाएगी। इससे पहले शनिवार सुबह से एमपी नगर और उसके आसपास के इलाकों में पुलिस ने शोहदों की जमकर खैर खबर ली है। राजधानी के वकीलों ने भी इस मामले में आरोपियों का केस नहीं लड़ने का फैसला लिया है। भोपाल जिला बॉर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश व्यास ने कहा कि भोपाल में कोई भी वकील बलात्कार के इन आरोपियों की पैरवी नहीं करेगा।

 

बता दें कि 31 अक्टूबर को कोचिंग क्लास के बाद ट्रेन पकड़ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन जा रही 19 साल की लड़की से 4 लोगों ने 3 घंटे तक गैंगरेप किया था। पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है, जबकि एक अभी भी फरार है। विक्टिम का मां विदिशा में रेलवे पुलिस में पोस्टेड है और वहीं अपनी लड़की के साथ रहती है। लड़की रोजाना कोचिंग क्लास के लिए विदिशा और भोपाल के बीच ट्रेन से आती-जाती है। पीड़िता के पिता भी रेलवे पुलिस में ही हैं।

 

शुक्रवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान मामले में संज्ञान लेते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के निर्देश दिए हैं। घटना के 2 दिन बाद सरकार ने 3 थाना प्रभारी और 2 उप निरीक्षकों को सस्पेंड किया। एक उप पुलिस अधीक्षक को स्थानांतरित किया गया है। एमपी नगर सीएसपी कुलवंत सिंह को हटा दिया गया है। एमपी नगर टीआई संजय सिंह बैस, हबीबगंज टीआई रवींद्र यादव और जीआरपी हबीबगंज के टीआई मोहित सक्सेना को सस्पेंड कर दिया गया है। मामले की जांच कर रहे आईजी रेल डीपी गुप्ता ने भोपाल एसआरपी अनिता मालवीय के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी है। 

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