नागपुर जिले में 6 लाख बच्चों को टीका लगाने की बड़ी चुनौती

महामारी को रोकने नागपुर जिले में 6 लाख बच्चों को टीका लगाने की बड़ी चुनौती

Anita Peddulwar
Update: 2021-12-27 06:35 GMT
नागपुर जिले में 6 लाख बच्चों को टीका लगाने की बड़ी चुनौती

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  कोरोना महामारी से बचने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र रास्ता बताया जा रहा है। कोरोना के वैरिएंट डेल्टा, डेल्टा प्लस के बाद अब आमिक्रॉन ने दहशत फैलाई है। इसे देखते हुए छोटे बच्चों में संक्रमण फैलने की आशंका व्यक्त की जा रही है। केंद्र सरकार ने 3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण करने का फैसला किया है।  जिले के 6 लाख बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। दूसरी तरफ तीसरी लहर आने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस खतरे को भांपते हुए फरवरी 2022 के पहले 6 लाख बच्चों का टीकाकरण होना जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन के सामने यह बड़ी चुनौती है। 

आबादी के 9 प्रतिशत हैं बच्चे शहर में
चार महीने पहले जिले में 0 से 18 साल के बच्चों पर टीके का क्लीनिकल ट्रायल हुआ था। इस आयुवर्ग के बच्चों की संख्या 12 लाख से अधिक बताई जा रही है। सभी को कोरोना प्रतिबंधक टीके लगाकर सुरक्षा कवच देने का आश्वासन दिया गया था। सरकार ने केवल 15 से 18 साल के बच्चों को ही टीके लगाने की घोषणा की है। इस कारण संभावित कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने की बड़ी चुनौती स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के सामने खड़ी होगी। मनपा के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार शहर में 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों की संख्या 9 फीसदी है। इस समय शहर की जनसंख्या 30 लाख है। इनमें से 2.70 लाख बच्चों को टीकाकरण का लाभ मिलेगा। 

शहर में 2.70 लाख बच्चों को लगेंगे टीके
कोरोना की पहली लहर में 85 फीसदी वयोवृद्ध को परेशानी का सामना करना पड़ा था। दूसरी लहर के दौरान 21 से 40 आयुवर्ग के युवकों को भी संक्रमित होना पड़ा था। इस समय 18 से नीचे वाले 4 फीसदी बच्चे कोरोना संक्रमित हुए थे। विशेषज्ञों के अनुसार डेल्टा, डेल्टा प्लस और ओमिक्रॉन का खतरा 18 साल तक के बच्चों को अधिक है। बताया जाता है कि बच्चे कोरोना संक्रमित होने पर उनमें लक्षण दिखाई नहीं देते। इससे वे कोरोना को मात कर देते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों से वरिष्ठों को संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। इसलिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग आैर सैनिटाइजर का सख्ती से पालन करें। भीड़ का हिस्सा न बनें, ताकि संक्रमण का फैलाव रोका जा सके।

यहां हुआ था क्लीनिकल ट्रायल
नागपुर में 2 से 6, 6 से 12 और 12 से 18 आयुवर्ग के बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल हुआ था। अगस्त महीने में यह ट्रायल किया गया था। इसके बाद बच्चों के रक्त की जांच की गई थी। अधिकतर बच्चों में एंटीबॉडी तैयार होने की पुष्टि हुई थी। क्लीनिकल ट्रायल के चार महीने बाद सरकार ने 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण करने की घोषणा की है, मगर टीकाकरण शुरू करने को लेकर अबी तक कोई अधिकृत सूचना नहीं है।  -डॉ. संजय चिलकर, स्वास्थ्य अधिकारी, मनपा
 

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