अब थीसिस जमा करते या वायवा पूरा होते ही मिलेगा प्रमाणपत्र
अब थीसिस जमा करते या वायवा पूरा होते ही मिलेगा प्रमाणपत्र
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने अपने पीएचडी शोधार्थियों को बड़ी राहत दी है। दरअसल पीएचडी की लंबी प्रक्रिया में एक बार थीसिस जमा करने के बाद महीनों तक शोधार्थियों को डिग्री के लिए इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब इस इंतजार से उन्हें राहत मिलेगी। विश्वविद्यालय ने शोधार्थी के थीसिस जमा करते ही उन्हें एक प्रमाणपत्र जारी करने का फैसला लिया है, जिसमें उनके थीसिस सब्मिशन को प्रमाणित किया जाएगा। शोधार्थी इस शपथपत्र को कहीं भी प्रस्तुत करके निर्धारित लाभ प्राप्त कर सकेंगे। ठीक ऐसा ही प्रमाणपत्र उनका वायवा होने के बाद भी मिलेगा।
यूनिवर्सिटी में हुई बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई है। नागपुर विवि से पीएचडी के लिए हर साल सैकड़ों अभ्यार्थी आवेदन करते हैं। पीएचडी प्रवेश परीक्षा और अन्य प्रक्रिया पूरी करने के बाद वे रजिस्ट्रेशन करके शोध शुरू करते हैं। रिसर्च की अवधि पूरी होने पर थीसिस जमा की जाती है। वायवा और अन्य प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें पीएचडी नोटिफाई होती है, लेकिन इस कवायद में कई वर्षों का समय लग जाता है। डिग्री आने तक शोधार्थी को इंतजार करना पड़ता है। विवि कुलगुरु डॉ.सिद्धार्थ विनायक काणे के अनुसार इस निर्णय से सैकड़ों शोधार्थियों को फायदा मिलेगा।
कहते हैं हर व्यक्ति में कोई न कोई प्रतिभा छिपी होती है, चाहे वह दिव्यांग हो या सामान्य व्यक्ति। बस उसे दिखाने का अवसर मिलना चाहिए। कुछ ऐसा ही नागपुर में देखने को मिला, जहां दिव्यांगों ने क्रिकेट खेल कर अपने हुनर का परिचय दिया। शहर में पहली बार दिव्यांगों के लिए राष्ट्रीय व्हील चेयर क्रिकेट स्पर्धा का आयोजन किया गया, जिसमें मेजबान महाराष्ट्र ने गुजरात पर शानदार जीत दर्ज की।