नागपुर जिले में बर्ड फ्लू की दस्तक,पोल्ट्री फार्म सहित अन्य जगहों पर मुर्गियां सहित पक्षियों की मौत

नागपुर जिले में बर्ड फ्लू की दस्तक,पोल्ट्री फार्म सहित अन्य जगहों पर मुर्गियां सहित पक्षियों की मौत

Anita Peddulwar
Update: 2021-01-20 06:34 GMT
नागपुर जिले में बर्ड फ्लू की दस्तक,पोल्ट्री फार्म सहित अन्य जगहों पर मुर्गियां सहित पक्षियों की मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर । देश के विविध राज्यों को चपेट में ले चुके बर्ड फ्लू ने नागपुर जिले में भी दस्तक दे दी है। विभागीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला नागपुर तथा पशु संवर्धन सहायक आयुक्त पी. बी. टोपले ने बुटीबोरी के पास वारंगा ग्राम पंचायत सीमा में चेतना पोल्ट्री फार्म की मुर्गियों में बर्ड फ्लू पाए जाने की पुष्टि की। गुरुवार को 28 मुर्गियां एक साथ मृत पाए जाने पर नमूने जांच के लिए राष्ट्रीय प्रयोगशाला भोपाल भेजा गया था।

 देर रात मिली रिपोर्ट
जिले में दो पोल्ट्री फार्म और विविध जगह जंगली पक्षियों के मरने की घटना से खलबली मई गई थी। बुटीबोरी के पास वारंगा में चेतना पोल्ट्री फार्म की मुर्गियों में बर्ड फ्लू का वायरस पाया गया है। सोमवार देर रात राष्ट्रीय प्रयोगशाला भोपाल से आई जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। रिपोर्ट मिलते ही जिले का प्रशासन सकते में आ गया। रातों-रात बर्ड फ्लू संक्रमित पोल्ट्री फार्म और उसके एक िकलोमीटर के दायरे में मुर्गियों को नष्ट करने का प्लान बनाया गया। यहां बता दें कि दो दिन पहले एक पोल्ट्री फार्म और विविध जगह मरे जंगली पक्षियों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। 

अधिकारियों की निगरानी में 8 सदस्यों की टीम ने पीपीई किट पहनकर किया काम
बर्ड फ्लू संक्रमित मुर्गियों को नष्ट करने के लिए पशु संवर्धन विभाग की टीम सुबह 6.30 बजे वारंगा में दाखिल हुई। जिला परिषद पशु संवर्धन विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, पशु विद्यापीठ, जिला व पुलिस विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों का समावेश रहा। अधिकारियों की निगरानी में 8 सदस्यों की टीम ने मुर्गियों को पकड़कर मारने का काम किया। बर्ड फ्लू संक्रमण से बचने के लिए पीपीई किट पहनकर मुर्गियों को पकड़ा गया। सुबह से रात तक पोल्ट्री फार्म और वारंगा बस्ती की 650 से अधिक मुर्गियों को मारे जाने की जानकारी मिली है।

दफनाने की दिक्कत
संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए मुर्गियों को मारने के बाद दफनाया जाता है। बर्ड फ्लू की दहशत से मुर्गियों को दफनाने के लिए गड्ढा खाेदने मजदूर नहीं मिलने से प्रशासन परेशान होता रहा। आखिरकार जेसीबी बुलाने पर विचार किया गया। देर रात तक जेसीबी नहीं पहुंचने से सरकारी अमला वहीं डटा रहा। 

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