छत्तीसगढ़ में सड़क को लेकर भाजपा कांग्रेस आमने-सामने

सियासी खींचतान छत्तीसगढ़ में सड़क को लेकर भाजपा कांग्रेस आमने-सामने

Manuj Bhardwaj
Update: 2022-09-29 12:13 GMT
छत्तीसगढ़ में सड़क को लेकर भाजपा कांग्रेस आमने-सामने

डिजिटल डेस्क, रायपुर। प्रदेश की खराब सड़के 2023 के विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा होंगी। भाजपा ने इन्हें लेकर जहां कांग्रेस सरकार के खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया है, वहीं कांग्रेस भी पलटवार करने लगी है। शुरूआत इसी महीने मुख्यमंत्री के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान हुई जबकि वे रायगढ़ के दौरे पर थे। यहां पीडब्लूडी विभाग की समीक्षा करते हुए सड़को की खराब स्थिति पर अफसरों को फटकार भी लगाई। इसके बाद पिक्चर में आई भाजपा सांसद सरोज पाण्डेय। वे भिलाई में एंकरिंग करते हुए तथा खराब सडक़ों की रिपोर्टिंग करतीदिखीं। इसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस ने उन पर तंज कसते हुए खराब सडक़ों के लिए रमन सरकार को जिम्मेदार ढहराया।

रमन ने संभाला मोर्चा

इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मोर्चा संभाला और सडक़ों का लेखा-जोखा मीडिया के सामने पेश करते हुए कहा कि 15 साल में सुदूर अंचलों को भी सड़क मार्ग से जोडक़र मुख्यधारा में शामिल कते हुए पूरे प्रदेश में 60 हजार किमी सडक़ों का जाल बिछाया गया। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र प्राथमिकता है। वे जनता के सामने आकर जवाब दें कि उन्होंने पाटन की तुलना में किस विधानसभा में सडक़ के लिए कितना बजट दिया है ?

अब कांग्रेस आई आगे

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को जवाब देने आगे आए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह नेे कहा, प्रदेश में कुल 32833 किमी सडक़ है। रमन दावा कर रहे हैं कि 60 हजार बनाया। मतलब उनके समय में 27 हजार 200 किमी सडक़ कागज पर बनी है। इसे बनाने में 81600 करोड़ का घपला हुआ। प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ने भी कहा, सच्चाई यह है कि रमन के 15 साल में छत्तीसगढ़ में सडक़ों की हालत खराब थी।

यूं मचा है सडक़ को लेकर घमासान

हाल ही के महीनों में केन्द्र सरकार ने सालों से नहीं बन पा रही छग की 237 सडक़ें ड्रॉप करने का निर्णय ले लिया। इसकी जानकारी लगते ही राज्य सरकार हरकत में आई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीडब्लयूडी सहित सडक़ निर्माण से जुड़ी एजेंसियों को कसना शुरू किया। उन्होंने समीक्षा में पाया कि नक्सल क्षेत्र के 6 जिलों की अतिसंवेदनशील 92 सडक़ों के लिए 5-6 साल में 25-30 बार टेंडर बुलाए गए, लेकिन 453 किलोमीटर लंबी सडक़ बनाने कोई ठेकेदार तैयार नहीं हुआ। इनमें से 372 किमी की 79 सड़को पर ठेकेदारों ने टेंडर भी डाले, अनुबंध भी हुआ, लेकिन नक्सलियों के डर से काम शुरू करने नहीं गए।

इसके अलावा पीएमजीएसवाय की 145 सड़के और भी हैं, जहां काम शुरू नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री ने ठेकेदारों सहित सडक़ निर्माण एजेंसियों को सुरक्षा मुहैया कराने के साथ जल्द इन सडक़ों को बनाने के निर्देश दिए। इसके परिणाम सामने आते दिखे तो भाजपा एक्टिव हुई और उसने राज्य की नहीं बनी और खराब सडक़ों को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया।

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