चुनाव आयोग की सर्वदलीय बैठक में बैलेट पेपर पर अकेली पड़ी BJP, शिवसेना ने भी बदले सुर

चुनाव आयोग की सर्वदलीय बैठक में बैलेट पेपर पर अकेली पड़ी BJP, शिवसेना ने भी बदले सुर

Tejinder Singh
Update: 2018-08-27 16:08 GMT
चुनाव आयोग की सर्वदलीय बैठक में बैलेट पेपर पर अकेली पड़ी BJP, शिवसेना ने भी बदले सुर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2019 में होने वाले आम चुनाव EVM के बजाए बैलेट पेपर से कराए जाने की विपक्षी दलों की मांग पर विचार-विमर्श करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में बैलेट पेपर के मुद्दे पर BJP अकेली पड़ी नजर आई। BJP की सहयोगी शिवसेना ने भी इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों के ही सुर में सुर मिलाया है।बैठक में कांग्रेस सहित छह विपक्षी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों तथा कुछ क्षेत्रीय पार्टियों ने जहां चुनाव आयोग से बैलेट पेपर से चुनाव कराने की अपील की।

सोमवार को चुनाव संबंधी मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में 7 राष्ट्रीय और 51 राज्य स्तरीय पार्टियों ने हिस्सा लिया। बैठक में मतदाता सूची, राजनीतिक दलों का खर्च और वार्षिक अंकेक्षित रिपोर्ट समय पर दाखिल करने सहित EVM के मुद्दे पर चर्चा हुई। कांग्रेस ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने मांग करते हुए कहा कि चुनाव में करीब 30 फीसदी वीवीपीएटी मशीन का इस्तेमाल किया जाए, जबकि आम आदमी पार्टी ने 20 फीसदी की मांग रखी। हालांकि, कुछ दलों ने कहा है कि चूंकि चुनाव को काफी कम समय रह गया है इसलिए इसकी संभावना कम नजर आती है। वहीं राष्ट्रीय राजनीतिक दलों में सीपीएम, सीपीआई, तृणमूल कांग्रेस, बसपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस ने भी बैलेट पेपर से ही चुनाव कराने की मांग उठाने के कारण यह साफ है कि इस मुद्दे पर BJP अकेली पड़ी।

NDA सरकार में शामिल BJP की सहयोगी शिवसेना ने भी EVM पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की। बैठक में शामिल रहे शिवसेना के राज्यसभा सांसद अनिल देसाई ने कहा कि दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने ही सबसे पहले EVM से छेड़छाड़ होने के मुद्दे को सामने लाया था। जनता को भी EVM पर भरोसा नही रहा है, इसलिए भारत जैसे बडे लोकतांत्रिक देश में मतदान बैलेट से ही होना चाहिए। मुख्य चुनाव आयुक्त ने सर्वदलीय बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि बैठक काफी सकारात्मक रही और चुनाव की सुचिता बनाए रखने को लेकर आयोग गंभीर है। उन्होने कहा कि राजनीतिक दलों ने अपने तरफ से कई सुझाव दिए हैं और उन सुझावों को नोट किया गया है। आयोग इन सुझावों की समीक्षा करेगा।

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