दूध उत्पादकों को अनुदान दिलाने भाजपा करेगी आंदोलन

दूध उत्पादकों को अनुदान दिलाने भाजपा करेगी आंदोलन

Anita Peddulwar
Update: 2020-07-17 12:25 GMT
दूध उत्पादकों को अनुदान दिलाने भाजपा करेगी आंदोलन

डिजिटल डेस्क, मुंबई । प्रदेश में दूध उत्पादकों को प्रति लीटर 10 रुपए अनुदान देने की मांग को लेकर भाजपा की ओर से 1 अगस्त को आंदोलन किया जाएगा। शुक्रवार को भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनिल बोंडे ने यह घोषणा की। इस आंदोलन में भाजपा के सहयोगी दल रयत क्रांति संगठन, राष्ट्रीय समाज पक्ष और शिवसंग्राम भी शामिल होगी। बोंडे ने कहा कि आंदोलन में तहसीलदार के माध्यम से किसान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे की सेहत तुरुस्त बनाने के लिए दूध भेजेंगे।  डा बोंडे ने बताया कि आंदोलन के लिए ‘मुख्यमंत्री दूध लीजिए, दूध का भाव दीजिए’ का नारा दिया गया है।

बोंडे ने कहा कि राज्य में दर दिन दूध का उत्पादन 1 करोड़ 40 लाख लीटर होता है लेकिन कोरोना संकट के कारण 20 मार्च से थैली बंद दूध की खपत 30 से 35 प्रतिशत कम हुई है। वहीं दुग्धजन्य पदार्थों की बिक्री में भी 10 से 15 प्रतिशत की कमी आई है। इसलिए राज्य सरकार को किसानों को दूध के लिए प्रति लीटर 10 रुपए अनुदान देना चाहिए या फिर सरकार किसानों से गाय का दूध 30 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदे।बोंडेने कहा कि आंदोलन के दौरान किसान दूध कोसड़कों पर नहीं बहाएंगे। दूध के टैंकरों को नहीं जलाएंगे बल्कि किसान तहसीलदार को मुफ्त में दूध देंगे। तहसीलदार के माध्यम से दूध को मुख्यमंत्रीऔर पर्यटन मंत्री आदित्य के पासभेजा जाएगा। इसके अलावा किसान अनाथालय और वृद्धाश्रमों में मुफ्त में दूध वितरित कर सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे।

दूध बंद आंदोलन 21 जुलाई को करेंगे- शेट्टी 
राज्य की महाविकास आघाडी सरकार की सहयोगी स्वाभिमानी शेतकरी संगठन 21 जुलाई को सांकेतिक दूध बंद आंदोलन करेगी। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने यह घोषणा की। शेट्टी ने कहा कि राज्य सरकार से दूध उत्पादक किसानों के बैंक खाते में प्रति लीटर 5 रुपए अनुदान देने की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा। शेट्टी ने कहा कि केंद्र सरकार से दूध पावडर के निर्यात के लिए 30 रुपए प्रति किलो की दर से अनुदान देने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को 30 हजार टन दूध पावडर का बफर स्टॉक करना चाहिए। राज्य में 52 लाख लीटर अतिरिक्त दूध की पैदावार है। इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार को लेनी चाहिए। 

Tags:    

Similar News