महाराष्ट्र में सिर्फ सात दिन के लिए बचा है रक्त

महाराष्ट्र में सिर्फ सात दिन के लिए बचा है रक्त

Anita Peddulwar
Update: 2020-05-22 10:04 GMT
महाराष्ट्र में सिर्फ सात दिन के लिए बचा है रक्त

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  महाराष्ट्र में केवल सात दिनों का रक्त बचा हुआ है।  प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने नागरिकों से रक्तदान के लिए आह्वान किया है। शुक्रवार को टोपे ने कहा कि लॉकडाउन में ढील देने से राज्य में रक्त की जरूरत पड़ेगी। टोपे ने कहा कि थैलेसीमिया और हीमोफीलिया के मरीजों को लगातार रक्त देना पड़ता है। इसलिए राज्य में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाए।
 
उन्होंने सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक संगठनों से रक्तदान की अपील की है। टोपे ने कहा कि सभी संगठन एकजुट होकर मानवता के मुख्य कार्य रक्तदान को प्राथमिकता दें। पिछले दो महीने में लॉकडाउन की अवधि में रक्त की मांग कम थी। सड़क हादसों की संख्या कम थी। आपात ऑपरेशन के अलावा बाकी सभी ऑपरेशन को टाल दिया गया था। लेकिन अब चौथे चरण के लॉकडाउन में ढील दी गई है। इससे बड़े पैमाने पर उद्योग, व्यवसाय, बाजार और जिले के भीतर यातायात शुरू हुए हैं। अब अस्पताल भर गए हैं।इस लिए नियमित ऑपरेशन करना पड़ेगा। लॉकडाउन में ढील देने से सड़क हादसे भी बढ़ सकते हैं। इसलिए व्यक्तिगत रक्तदाता भी आगे आकर रक्तदान करें।

टोपे ने कहा कि रक्त का कोई विकल्प नहीं है। कृत्रिम रूप से रक्त नहीं बनाया जा सकता है। रक्त का ज्यादा दिन भंडारण करके भी नहीं रखा जा सकता। इसलिए लगातार नए रक्त की जरूरत पड़ती है। टोपे ने कहा कि मैंने लॉकडाउन के दौरान अप्रैल महीने में रक्तदान की अपील की थी। इसके बाद विभिन्न संगठनों और व्यक्तिगत स्तर पर लोगों ने काफी रक्तदान किया था। इसके लिए मैं सभी रक्तदाताओं का आभारी हूं। 
 

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