कुत्तों की नसबंदी पर बीएमसी ने खर्च किए 10 करोड़, नतीजा कुछ नहीं

कुत्तों की नसबंदी पर बीएमसी ने खर्च किए 10 करोड़, नतीजा कुछ नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-20 06:33 GMT
कुत्तों की नसबंदी पर बीएमसी ने खर्च किए 10 करोड़, नतीजा कुछ नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के आवारा कुत्तों से जुड़े नसबंदी कार्यक्रम को कई नगरसेवकों ने असफल और शर्मनाक बताया है। दो दशकों में मुंबई महानगर पालिका ने नसबंदी पर 10 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं लेकिन नगरसेवकों का दावा है कि यह जनता के पैसों की बर्बादी है। बीएमसी अधिकारियों के मुताबिक दो दशकों में दो लाख 80 हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी और उन्हें संक्रमण से बचाने में खर्च किए गए। यह रकम 1998 से खर्च की जा रही है इसके लिए गैरसरकारी संस्थाओं की मदद ली जाती है। हालांकि शहर में अब भी एक लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते हैं जिनकी नसबंदी नहीं की गई है। इस पर काबू पाने के लिए बीएमसी अगले तीन सालों में 15 करोड़ 56 लाख रुपए खर्च कर एक लाख दो हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी की योजना बना रही है। हालांकि नगरसेवकों का दावा है कि आवारा कुत्तों को लेकर मनपा की नसबंदी योजना पूरी तरह असफल रही है। 

नगरसेवकों ने बताया जनता के पैसे की बर्बादी 

शिवसेना नगरसेवक राजूल पटेल का कहना है कि बीएमसी गैरसरकारी संगठनों की मदद से कुत्तों की नसबंदी करा रही है लेकिन इसके परिणाम नहीं दिख रहे। शहर में अब भी बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते हैं। कुछ इलाकों में इनकी संख्या बहुत ज्यादा है। आवारा कुत्तों के चलते स्थानीय लोगों का जीना मुहाल हो जाता है


कुत्तों के आतंक से भयभीत रहते हैं लोग

शिवसेना के ही नगरसेवक मंगेश साटमकर भी पटेल का समर्थन करते हैं। साटमकर के मुताबिक कुछ इलाकों में तो कुत्तों का इतना आतंक है कि लोग रात के वक्त अपने घर जाने से भी डरते हैं। कांग्रेस नगरसेवक आसिफ जकारिया के मुताबिक बीएमसी कुत्तों की नसबंदी पर मोटी रकम खर्च कर रही है लेकिन आवारा कुत्तों की संख्या कम होने के बजाय बढ़ रही है। साल 2014 में कराई गई गणना के मुताबिक शहर में 95 हजार 192 आवारा कुत्ते थे जिनमें से 25 हजार 933 की नसबंदी नहीं हुई थी।

Similar News