हाईकोर्ट ने NMC से मांगा सड़क-फुटपाथ से धार्मिक अतिक्रमण हटाने का ब्यौरा

हाईकोर्ट ने NMC से मांगा सड़क-फुटपाथ से धार्मिक अतिक्रमण हटाने का ब्यौरा

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-26 08:57 GMT
हाईकोर्ट ने NMC से मांगा सड़क-फुटपाथ से धार्मिक अतिक्रमण हटाने का ब्यौरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सड़क-फुटपाथ पर अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को लेकर हाईकोर्ट ने NMC से पूछा है कि अब तक कितने धार्मिक अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई है? हाइकोर्ट ने मनपा से शुक्रवार तक विस्तृत शपथपत्र मांगा है। बता दें कि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट शहर के फुटपाथ और सड़क पर बने अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने को कहा था। इसी सुनवाई में नागपुर बेंच ने मनपा को आदेश दिए थे कि वे मनपा आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित करे और 29 सितंबर 2009 के पहले स्थापित किए गए अनाधिकृत धार्मिक स्थलों की सूची नए सिरे से बनाए। इसमें नियमितीकरण और तोड़-फोड़ दोनों प्रक्रियाओं की पूर्ण जानकारी दें। यह सूची शहर के प्रमुख हिंदी, मराठी, उर्दू और अंग्रेजी अखबारों में प्रकाशित करें। इसके बाद इस पर आक्षेप मंगाए जाएं।

तीन माह के भीतर आक्षेपों पर सुनवाई पूरी करें

कोर्ट ने कहा कि तीन माह के भीतर आक्षेपों पर सुनवाई पूरी करें। कोर्ट ने आदेश दिए थे कि ए श्रेणी में ऐसे अनाधिकृत धार्मिक स्थलों को रखें, जिन्हें नियमित किया जा सकता है। कोर्ट ने 1 मई 1960 के बाद के अनाधिकृत धार्मिक स्थलों को नियमित करने के लिए राज्य स्तरीय समिति से एक माह में मंजूरी लेने को कहा है। बी श्रेणी में ऐसे अनाधिकृत धार्मिक स्थलों को रखें जिन्हें गिराना जरुरी हो। लेकिन इन्हें गिराने के पहले राज्य स्तरीय समिति से एक माह पूर्व मंजूरी लें। इसी तरह सी श्रेणी में ऐसे अनाधिकृत धार्मिक स्थलों का रखें जिन्हें गिराने की जगह अन्य किसी स्थान पर स्थानांतरित किया जा सकता हो। स्थानांतरण अगर तीन माह में पूर्ण नहीं किया तो फिर मनपा अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी रख सकती है।
 

दिए विस्तृत दिशा निर्देश
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हाईकोर्ट ने मनपा और नासुप्र को आदेश दिए हैं कि 29 सितंबर 2009 के बाद शहर में कहीं भी अनाधिकृत रूप से निर्माण किए गए धार्मिक स्थलों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखें। लेकिन इसके पूर्व स्थापित किए गए अनाधिकृत धार्मिक स्थलों के अतिक्रमण को हटाने पर हाईकोर्ट ने एक विस्तृत दिशानिर्देश शहर प्रशासन को दिए हैं। नागपुर शहर के अनधिकृत धार्मिक स्थलों पर बीते कुछ महिनों से हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया था। जिसके बाद मनपा और नासुप्र ने अनधिकृत धार्मिक स्थलों के खिलाफ धड़ल्ले से कार्रवाई की थी।

लिस्ट ही त्रुटिपूर्ण

उन्होंने अनाधिकृत धार्मिक स्थलों की सूची बनाई, इसे विविध श्रेणियों में विभाजित करके उन्हें गिराने का नोटिस जारी किया । लेकिन इस कार्रवाई के खिलाफ कई स्थानीय निवासियों ने असंतोष जताया, कोर्ट में अर्जी दायर कर अपना पक्ष सुनने की गुजारिश भी की। उनके अधिवक्ताओं ने दावा किया कि प्रशासन द्वारा तैयार की गई यह सूची ही त्रुटिपूर्ण है। ऐसे में बुधवार को हाईकोर्ट ने इस पर एक निर्देश जारी किया। हाईकोर्ट ने मनपा और नासुप्र से अब तक अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्यौरा एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। मामले में याचिकाकर्ता मनोहर खोरगडे की ओर से एड.फिरदौस मिर्जा, मंदिर समिति की ओर से एड.अनिल किल्लोर, नासुप्र की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस.के.मिश्रा, मनपा की ओर से एड.सुधीर पुराणिक, राज्य सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील सुनील मनोहर ने पक्ष रखा।

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