सेवानिवृत्त हुईं चीफ जस्टिस चेल्लूर, HC ने स्पीड गवर्नर पर केंद्र को दिया सुझाव

सेवानिवृत्त हुईं चीफ जस्टिस चेल्लूर, HC ने स्पीड गवर्नर पर केंद्र को दिया सुझाव

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-04 17:05 GMT
सेवानिवृत्त हुईं चीफ जस्टिस चेल्लूर, HC ने स्पीड गवर्नर पर केंद्र को दिया सुझाव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को एक सुझाव दिया है। कहा है कि यदि मैन्यूफैक्चरर के पास स्पीड गवर्नर उपलब्ध न हो तो काली-पीली टैक्सी और एप आधारित कार सेवा उपलब्ध कराने वालों को स्पीड गर्वनर लगाने के लिए बाध्य न करें। महाराष्ट्र सरकार ने भी कोर्ट में कहा कि मैन्यूफैक्चरर के पास स्पीड गवर्नर उपलब्ध नहीं है। इस बात को जानने के बाद कोर्ट ने कहा कि यदि स्पीड गवर्नर नहीं है तो केंद्र सरकार कुछ समय के लिए स्पीड गवर्नर लगाने की शर्त को थोड़े समय के लिए लचीला कर दें।

जब यह उपलब्ध हो तो इसे वाहनों में अनिवार्य किया जाए। जस्टिस शांतनू कमेकर और जस्टिस गिरीश कुलकर्णी की बेंच ने मुंबई टैक्सी मेन्स यूनियन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। इस बीच बेंच ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि वह सड़कों पर गति नियंत्रण के लिए कौन से कदम उठाए हैं?

FTIL की याचिका खारिज

इसके अलावा बांबे हाईकोर्ट ने फाइनेंसियल टेक्नोलाजी इंडिया लिमिटेड (FTIL) की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका  में केंद्र सरकार के उस निर्णय को चुनौती दी गई थी। जिसके तहत FTIL का विलय नेशनल स्पाट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएससीएल) में किया गया था। चीफ जस्टिस मंजूला चेल्लूर और जस्टिस एमएस सोनक की बेंच ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया।

FTIL की ओर से 5600 करोड रुपए की कथित रकम का भुगतान न होने पर केंद्र सरकार के कार्पोरेट मंत्रालय ने 12 फरवरी 2016 को FTIL के विलय का आदेश जारी किया था। इसके बाद FTIL को 63 मून कंपनी के नाम से जाना जाने लगा। विलय के आदेश के खिलाफ FTIL ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में केंद्र सरकार के आदेश को मनमानीपूर्ण और अवैध बताया था। याचिका जब सुनवाई के लिए आई थी तो बेंच ने कार्पोरेट मंत्रालय के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। जिसे बेंच ने सोमवार को 12 हफ्ते के लिए और बरकरार रखा है।

सेवानिवृत्त हो गई हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस चेल्लूर

बांबे हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस मंजूला चेल्लूर सोमवार को सेवानिवृत्त हो गई। चेल्लूर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस बनने वाली दूसरी महिला थी। जस्टिस सुजाता मनोहर बांबे हाईकोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस थी। अपनी सेवा के आखरी दिन चीफ जस्टिस चेल्लूर ने कोर्ट में मौजूद सभी वकीलों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यहां पर मैंने अपना श्रेष्ठतम समय बिताया और काफी कुछ सीखा है। इससे पहले अपनी सेवा के अंतिम दिन सोमवार को उन्होंने दो महत्वपूर्ण फैसले सुनाए। चेल्लूर के सेवा निवृत्त होने के बाद जस्टिस वीके ताहिलरमानी हाईकोर्ट की कार्यवाहक चीफ जस्टिस होंगी।

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