तर्कसंगत लग रहा NEERI का ध्वनि प्रदूषण अध्ययन का प्रस्ताव- हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब 

तर्कसंगत लग रहा NEERI का ध्वनि प्रदूषण अध्ययन का प्रस्ताव- हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-30 15:16 GMT
तर्कसंगत लग रहा NEERI का ध्वनि प्रदूषण अध्ययन का प्रस्ताव- हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से नॉइस मैपिंग में खर्च होने वाली निधि की मंजूरी को लेकर जवाब मांगा है। इससे पहले हाईकोर्ट को बताया गया कि NEERI, ध्वनि प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर व ध्वनि प्रदूषण का पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव सहित अन्य पहलूओं को लेकर पूरे राज्य भर के शहरों का अध्ययन करना चाहती है। इस कार्य में दो साल का वक्त लगेगा और ढाई करोड़ रुपए खर्च होंगे।

इस बात को जानने के बाद जस्टिस अभय ओक व जस्टिस अजय गडकरी की बेंच ने कहा कि NEERI पूरे राज्य के शहरों में नॉइस मैपिंग करना चाहती है। ऐसे में उसकी ओर से खर्च को लेकर दिया गया प्रस्ताव तर्क संगत नजर आ रहा है, लेकिन हम इस बारे में सरकार का जवाब जानना चाहते हैं। इसलिए अगली सुनवाई के दौरान सरकारी वकील इस विषय में सरकार से निर्देश लेकर हमे जानकारी दें। NEERI ने इससे पहले भी राज्य के विभिन्न शहरों की नॉइस मैपिंग की थी लेकिन कई पहलू इसमें शामिल नहीं थे। NEERI अब वह अध्ययन भी करना चाहती है। 

इस बीच सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाए हैं। फिलहाल पुलिस अधिकारी की ओर से दायर किया गया हलफनामा तैयार नहीं है। इसलिए उन्हें थोड़ा वक्त दिया जाए ताकि हलफनामे में सारी जानकारी को पेश किया जा सके। इस बात को जानने के बाद बेंच ने सरकारी वकील को मंगलवार तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कहा कि हम अगली सुनवाई के दौरान पिछले साल के गणपति व नवरात्री के दौरान ध्वनि प्रदूषण की स्थिति का जायजा भी लेंगे।

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