आईटी एक्ट के साथ नहीं लगा सकते आईपीसी की धाराएं : हाईकोर्ट      

आईटी एक्ट के साथ नहीं लगा सकते आईपीसी की धाराएं : हाईकोर्ट      

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-10 12:27 GMT
आईटी एक्ट के साथ नहीं लगा सकते आईपीसी की धाराएं : हाईकोर्ट      

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में साफ किया है कि यदि किसी आरोपी पर विशेष कानून माने जाने वाले सूचना प्रोद्योगिकी कानून (आईटी एक्ट) के तहत आरोप लगाए गए हैं तो उस पर भारतीड दंड संहिता कानून (आईपीसी) की धाराओं के तहत अतिरिक्त आरोप नहीं लगाए जा सकते हैं। जस्टिस आरवी मोरे व जस्टिस भारती डागरे की बेंच ने कहा कि यदि किसी अपराध को लेकर आईटी एक्ट में प्रावधान है तो उसी अपराध को लेकर आईपीएसी की धाराओं के तहत मामला नहीं दर्ज किया जा सकता। कोर्ट ने साफ किया है कि एक ही तरह के तथ्यों को लेकर दो कानून के तहत मामला दर्ज करना अपेक्षित नहीं है।

ये है मामला

बेंच ने यह फैसला कोल्हापुर निवासी गगन वर्मा व उनके भाई की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया है। दोनों भाइयों के खिलाफ कोल्हापुर के शाहुनगर पुलिस स्टेशन ने डेटा चोरी के कथित आरोप को लेकर अगस्त 2017 में भारतीय दंड संहिता की धारा 408, 420 के अलावा आईटी एक्ट की धारा 43, 65 व 66 के तहत मामला दर्ज किया था।  सुनवाई के दौरान दोनों भाइयों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने कहा कि आईटी एक्ट की धारा 43 व 66 मेरे मुवक्किल पर लगे आरोपों के लिए पर्याप्त है। अलग से आईपीसी की धारा के तहत आरोप लगाने की जरुरत नहीं है।

अलग से आईपीसी की धारा लगाना मेरे मुवक्किल के जमानत पाने के लाभ को प्रभावित करेगा। श्री चौधरी की दलीलों को स्वीकार करते हुए बेंच ने कहा कि एक ही तरह के तथ्यों को लेकर दो कानून के तहत मामला दर्ज करना अपेक्षित नहीं है। यह कानूनी सिध्दांत के खिलाफ है। याचिकाकर्ताओं पर लगे आरोपों के लिए आईटी एक्ट की धाराएं पर्याप्त हैं, इस मामले में अतिरिक्त आईपीसी की धारा लगाने की जरुरत नहीं है। कोर्ट ने सारे पहलुओं पर गौर करते हुए यह निर्देश दिए।
 

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