भाई-बहन मर्डर केस : कीमती जेवरातों के लिए चचेरे भाई व जीजा ने की हत्या

भाई-बहन मर्डर केस : कीमती जेवरातों के लिए चचेरे भाई व जीजा ने की हत्या

Anita Peddulwar
Update: 2020-06-12 08:00 GMT
भाई-बहन मर्डर केस : कीमती जेवरातों के लिए चचेरे भाई व जीजा ने की हत्या

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। दीपावली को वॉटसएप पर सोने के आभूषण पहनकर भेजे गए फोटो देखकर अंधे हुए चचेरे भाई व उसके जीजा ने ही लालच में सातारा परिसर में सगे भाई-बहन की निर्मम हत्या काे अंजाम दिया । 9 जून की रात साढ़े आठ बजे के दौरान किरण लालचंद खंदाडे-राजपूत (19) और सौरभ लालचंद खंदाडे-राजपूत (17) की बेरहमी से गला रेतकर हत्या करने की घटना की तकनीकी ढंग से जांच कर अपराध शाखा पुलिस ने हत्या के आरोपी चचेरे भाई सतीश कालूराम खंदाडे-राजपूत (20, पाचणवडगांव, जि. जालना) और अर्जुन देवचंद राजपूत (25, रोटेगांव रोड, वैजापुर) को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या के बाद उड़ाए गए सोने के आभूषणों में से पुलिस ने कुछ आभूषण बरामद कर लिए हैं। 

पुलिस आयुक्त चिरंजीव प्रसाद ने  प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मूलत: वैजापुर तहसील निवासी अर्जुन राजपूत मिस्त्री का काम करता था। वह वर्तमान में मुकुंदवाड़ी भाग में रहता था। लॉकडाउन शुरू होने से वह ससुराल पाचणवडगांव में रह रहा था। लालचंद राजपूत की पाचणवडगांव में खेती है। उसकी पत्नी अनिता भारतीय जीवन बीमा निगम की प्रतिनिधि हैं। लालचंद ने कुछ वर्ष पूर्व पाचणवडगांव में खेती का कुछ हिस्सा बेचा था। उससे प्राप्त हुए पैसों से उन्होंने सोना खरीदकर रखा था। इस बात का पाचणवडगांव के कई ग्रामस्थों को पता था। इन्हीं आभूषणों पर सगे भतीजे सतीश की नजर थी। पाचणवडगांव जाते समय लालचंद पत्नी को साथ लेकर आभूषण पहनाकर घूमता था। उनके सोने के आभूषण सतीश को खटकते थे। इस कारण लालचंद के घर से आभूषण पार करने की उसने योजना बनाई थी। 9 जून को उसे इसका अवसर मिला। लालचंद को गांव बुलाने से वह पत्नी, छोटी बेटी सपना को लेकर पाचणवडगांव  चला गया। उसे घर से जाते देखकर सतीश व उसके जीजा अर्जुन ने कहा कि अब यही मौका है और जल्दबाजी में दुपहिया से औरंगाबाद की दिशा में निकल पड़े। औरंगाबाद आने से पूर्व उन्होंने जालना से एक चाकू व कोयता खरीदा। दोपहर 12 बजे के दौरान दोनों लालचंद के कनकोरबेन नगर स्थित बंगले पर पहुंचे। इसके बाद दोनों ने घर में दो बार चाय-पानी लिया था। घर में काफी देर सौरभ, सतीश व अर्जुन ने कैरम भी खेला था। इस दौरान किरण ऊपरी मंजिल पर आराम करने चली गई थी।

इस तरह की नृशंस हत्या
कैरम खेलते समय शाम पांच बजे के दौरान सतीश ने कहा कि उसको एलर्जी होने से उसको साबुन से हाथ धोना है। इसके लिए उसने पूछा कि साबुन कहां रखा है। इस कारण सौरभ उसके हाथ धुलाने के लिए बाथरुम ले गया था। तब साबुन देते समय अर्जुन ने पीछे से सौरभ के गले पर चाकू से वार किया तो सतीश ने उस पर काेयते से हाथ पर वार किया। जान बचाने के लिए सहायता के लिए शोर मचाने पर उसकी नाक पर मुक्का मारा। इस कारण वह मौके पर बेहोश गिर पड़ा। उसकी दर्दनाक आवाज सुनकर स्नान करते बैठी किरण ऊपर की मंजिल से दौड़ती नीचे आई। तब उसके बाल पकड़कर सतीश बाथरुम ले गया और चाकू से उसका गला काट दिया। ज्यादा खून बहने से दोनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था।

सोने के आभूषण, नगदी, मोबाइल पार किए
दोनों भाई-बहन का गला रेतने के बाद भीतर के कमरे मंे रखी अलमारी के ड्राअर से सोने के आभूषणों से भरा बैग, साढ़े छह हजार रु नकद व किरण का मोबाइल दोनों आरोपियों ने पार कर दिया। हत्या प्रकरण की गुत्थी सुलझाने के बाद पुलिस ने मुकुंदवाड़ी से सोने के आभूषणों सहित बैग जब्त किया। प्रकरण की साइबर पुलिस की मदद से जांच करते हुए उनकी कॉल डिटेक्ट की गईं। बाद में अपराध शाखा के एसीपी डॉ. नागनाथ कोड़े, अनिल गायकवाड़, साइबर पुलिस थाने की पीआई गीता बागवड़े, सुरेंद्र मालाले के मार्गदर्शन में एपीआई गौतम वावले, एएसआई शेख नजीर, हवलदार सतीश जाधव, चंद्रकांत गवली, सुधाकर राठोड़, सुधाकर मिसाल, रवि खरात आैर नितिन देशमुख ने दोनों हत्यारों को पकड़ लिया।

 

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