बीएसएनएल में होगी 54 हजार कर्मचारियों की छंटनी, वीआरएस पर नई सरकार लेगी फैसला

बीएसएनएल में होगी 54 हजार कर्मचारियों की छंटनी, वीआरएस पर नई सरकार लेगी फैसला

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-04 08:24 GMT
बीएसएनएल में होगी 54 हजार कर्मचारियों की छंटनी, वीआरएस पर नई सरकार लेगी फैसला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 8 हजार करोड़ के घाटे में चल रहे भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में 54 हजार कर्मचारियों की छंटनी होगी और इसके लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति जैसा विकल्प कर्मचारियों के सामने रखा गया है। बीएसएनएल के नागपुर समेत देश भर में पौने दो लाख कर्मचारी हैं। जिन कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किए, उनके आवेदनों पर अब लोकसभा चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार ही फैसला लेगी। तब तक सारे आवेदन होल्ड पर रहेंगे। 

नागपुर जिले में 1050 से ज्यादा कर्मचारी
भारत सरकार की कंपनी बीएसएनएल में 2010 के बाद से नई भर्ती नहीं हो रही। बीएसएनएल के मरम्मत, सुधार व अपडेशन के कार्य भी ठेकेदारों के माध्यम से हो रहे हैं।  8 हजार करोड़ के घाटे में चल रहे बीएसएनएल का सबसे ज्यादा खर्च कर्मचारियों के वेतन पर हो रहा है। वीआरएस की पॉलिसी वैसे तो पुरानी है, लेकिन कर्मचारी इसे हाथों-हाथ लें, इसलिए इसमें कुछ नए बदलाव किए गए हैं। 30 साल तक नौकरी करने वाले कर्मचारी कोे पेंशन व ग्रैच्युटी पूरी मिलेगी। इसी तरह सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले सभी प्रकार के लाभों को वीआरएस में शामिल किया गया है। नागपुर जिले में बीएसएनएल के 1050 से ज्यादा कर्मचारी हैं। इनमें से 50 से ज्यादा कर्मचारी मई व जून में रिटायर्ड हो जाएंगे। अप्रैल महीने से कर्मचारी वीआरएस के लिए आवेदन कर रहे हैं। इस पर कंपनी का प्रबंधन अंतिम फैसला लेता है। 

जून के बाद हो सकता  है फैसला
फिलहाल देश में चुनाव चल रहा है। नागपुर समेत देेश भर से आ रहे वीआरएस के आवेदनों को होल्ड पर रखा गया है। 23 मई को मतगणना होगी। इसके बाद नई सरकार बनेगी। नई सरकार जो पॉलिसी तय करेगी, उसके मुताबिक छंटनी प्रक्रिया पर काम होगा। वीआरएस पर अब नई सरकार ही फैसला लेगी। जून 2019 के बाद ही इस पर फैसला हो सकता है। 

छंटनी के लिए ही वीआरएस पॉलिसी 
समेत देश भर में बीएसएनएल के हजारों कर्मचारियों की छंटनी होगी। इसीलिए वीआरएस पॉलिसी लाई गई है। कर्मचारी उहापोह की स्थिति में हैं। कई कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है। चुनावी मैासम होने से आवेदनों पर तुरंत फैसला नहीं हो पा रहा है। नई सरकार ही इस पर फैसला लेगी। सरकार के आदेश पर ही प्रबंधन अंतिम फैसला ले सकता है। एक दो महीने किसी को वीआरएस नहीं मिलेगा। -पंचम गायकवाड़, अध्यक्ष, बीएसएनएल एम्प्लॉइज यूनियन नागपुर 
 

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