महामंडलों को स्वीकार कर शिवसेना ने जनता को दिया धोखा : विखेपाटील

महामंडलों को स्वीकार कर शिवसेना ने जनता को दिया धोखा : विखेपाटील

Tejinder Singh
Update: 2018-09-02 09:32 GMT
महामंडलों को स्वीकार कर शिवसेना ने जनता को दिया धोखा : विखेपाटील

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने मित्र दल शिवसेना को महत्वपूर्ण महामंडलों-प्राधिकरणों की जिम्मेदारी सौप दी है। इसे नाराज शिवसेना को मनाने के तौर पर देखा जा रहा है। अब इस पर विपक्ष ने भी शिवसेना पर कटाक्ष किया है। विधान सभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा है कि शिवसेना ने महामंडलों का अध्यक्ष पद स्वीकार कर महाराष्ट्र की जनता के साथ धोखा किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विखे पाटील ने कहा कि शिवसेना एक तरफ सरकार से हटने और अपने बल पर अकेले चुनाव लड़ने की बात करती है तो दूसरी तरफ महामंडलों का पद स्वीकार कर सरकार में अपनी भागीदारी बढ़ाने में जुटी है।

उन्होंने कहा कि शिवसेना का दोहरा मापदंड एक बार फिर सबके सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साढे तीन वर्षों से सरकार में शामिल शिवसेना कहती रहती है कि हमारा इस सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। इस्तीफा जेब में तैयार रखने के बात करने वाले महामंडल स्वीकार करने में नहीं हिचके। विखे पाटील ने कहा कि वास्तव में शिवसेना का आम लोगों से कोई लेना-देना नहीं है। उनका एक मात्र उद्देश्य सिर्फ ज्यादा से ज्यादा लाभ हासिल करने का है।

शिवसेना को मनाने की कवायद
शुक्रवार को राज्य सरकार ने 21 महामंडल, मंडल, आयोग व प्राधिकरण के अध्यक्षों व सभापति की नियुक्ति की घोषणा की गई थी।  इनमें से करीब 70 फीसदी महामंडल-मंडल शिवसेना को दिए गए हैं। इसे भाजपा से नाराज चल रही शिवसेना को मनाने की कवायद मानी जा रही है।  

एडीजी सरकार के प्रवक्ता हैं क्या?
विस में विपक्ष के नेता विखे पाटील ने माओवादियों से संबंधों के चलते लेखकों-सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद राज्य अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी-कानून व्यवस्था) परमबीर सिंह के सवांददाता सम्मेलन की आलोचना की है। उन्होंने सवाल किया है कि क्या एडीजी राज्य सरकार के प्रवक्ता हैं? विखे पाटील ने कहा कि यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है। ऐसी स्थिति में एडीजी को संवाददाता सम्मेलन बुला कर अपनी भूमिका साफ करने की क्या जरूरत थी। इस मामले में मुख्यमंत्री अथवा गृह मंत्री को प्रेस कांफ्रेंस करनी चाहिए थी। 

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