कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका खारिज की, मानवाधिकार आयोग करेगा चुनाव के बाद की हिंसा मामले की जांच

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका खारिज की, मानवाधिकार आयोग करेगा चुनाव के बाद की हिंसा मामले की जांच

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-21 12:35 GMT
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका खारिज की, मानवाधिकार आयोग करेगा चुनाव के बाद की हिंसा मामले की जांच

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार के उस आदेश को वापस लेने की याचिका खारिज कर दी, जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के सभी मामलों की जांच करने का निर्देश दिया गया था। एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली 5-जजों की बेंच ने इस याचिका को खारिज किया है। बेंच में जस्टिस सौमेन सेन, सुब्रत तालुकदार, आईपी मुखर्जी और हरीश टंडन भी शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया कि उसे चुनाव के बाद की हिंसा को लेकर फैक्ट को प्रस्तुत करने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया। राज्य सरकार ने इसे लेकर क्या कदम उठाए इस बारे में भी वो अपने फैक्ट नहीं रख पाए। वहीं अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास 541  शिकायत दर्ज हुई है, जबकि राज्य मानवाधिकार आयोग के पास एक भी शिकायत दर्ज नहीं हुई है। चुनाव के बाद भी हिंसा क्यों हो रही है। यह चिंताजनक है। बेंच ने कहा, अदालत को एनएचआरसी को शामिल करना पड़ा क्योंकि आरोप थे कि पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।

इससे पहले, कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक समिति गठित करने और उन जगहों का दौरा करने का आदेश दिया था जहां चुनाव के बाद हिंसा की शिकायतें दर्ज की गई थीं। 18 जून को पांच सदस्यीय बेंच ने कहा था कि पहले तो राज्य सरकार लगे आरोपों को मान ही नहीं रही, लेकिन हमारे पास कई घटनाओं की जानकारी और सबूत हैं। इस तरह के आरोपों को लेकर राज्य सरकार चुप नहीं रह सकती। बेंच ने यह भी निर्देश दिया कि स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी और ह्यूमन राइट कमीशन के एक सदस्य को समिति में शामिल किया जाए। साथ ही राज्य सरकार को उस समिति का सहयोग करने को कहा था।
 

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