मेडिकल जांच के बाद महाराष्ट्र में यात्रा कर सकते हैं मजदूर?
मेडिकल जांच के बाद महाराष्ट्र में यात्रा कर सकते हैं मजदूर?
डिजिटल डेस्क,मुंबई। लॉकडाउन के चलते फंसे मजदूरों की मेडिकल जांच के बाद क्या उन्हें राज्य के भीतर ही अपने इलाकों में जाने की अनुमति दी जा सकती है? बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह इस सुझाव पर विचार करने को कहा है। हाईकोर्ट में प्रवाशी मजदूरों व राज्य के दिहाडी मजदूरों की समस्याओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है।
न्यायमूर्ति आर के देशपांडे ने याचिका पर गौर करने के बाद कहा कि राज्य सरकार लॉक डाउन में फंसे महाराष्ट्र के मजदूरोंकी कोरोना जांच कर उन्हें अपने इलाकों में जाने की अनुमति देने पर विचार करे। क्योंकि जांच के बाद यह तय हो जाएगा कि वे संक्रमण के साथ अपने गृहग्राम नहीं जा रहे हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में कोरोना के प्रसार को रोका जा सकेगा।यदि ऐसा होता है तो इससे प्रशासन पर भी काम का बोझ कम होगा और अधिकारियों को राहत मिलेगी।
इस दौरान राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने न्यायमूर्ति को आश्वस्त किया कि मजदूरों से जुड़े मुद्दों को देखने के लिए बनाई गई राज्य स्तरीय कमेटी कोर्ट के उपरोक्त सुझाव पर विचार करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि कमेटी प्रवासी मजदूरों व दिहाड़ी मजदूरों के भोजन, पानी, रहने व दवाए उपलब्ध कराने को लेकर भी कार्य कर रही है। सरकार मजदूरों के हित को सुरक्षित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी। इस बात को जानने के बादन्यायमूर्ति ने कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों का सर्वेक्षण कर उनकी सूची बनाए। जब तक यह सूची नहीं तैयार होगी तब तक अलग-अलग राज्यों से आए मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए सकारात्मक निर्देश नहीं जारी किए जा सकेंगे।न्यायमूर्ति ने कहा कि इस विषय पर राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ समन्वय बनाकर कार्य करे। क्योंकि कोरोना आज सिर्फ एक देश की समस्या नहीं है पूरा विश्व इस बीमारी से जूझ रहा है।
मजदूरों को नहीं मिल रही सुविधाएं
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मजदूरों को सुविधाएं नहीं मिल रही है। इस बात को जानने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि सरकार मजदूरों की परेशानी को देखने के लिए तहसील स्तर पर कमेटी बनाए। हाईकोर्ट ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई 4 मई तक के लिए स्थगित कर दी है