बोल नहीं सकती पर सात समंदर पार ओलंपिक मेडल जीतना चाहती है जिया राय, भारतीय नौसेना में हैं पिता

बोल नहीं सकती पर सात समंदर पार ओलंपिक मेडल जीतना चाहती है जिया राय, भारतीय नौसेना में हैं पिता

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-28 18:21 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अपने बुलंद हौंसले और इच्छाशक्ति के बल पर समंदर में तैराकी की रिकॉर्ड बनाने वाली दिव्यांग तैराक रिया राय अब ओलंपिक मेडल जीतना चाहतीं हैं। उन्होंने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। जिया ने एक महीने पहले ही वरली सीलिंक से गेटवे ऑफ इंडिया तक की दूरी 36 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 8 घंटे 40 मिनट में तैरकर पूरी की थी और एक कीर्तिमान बनाया था। इससे पहले वे अंचला कोर्ट से वसई फोर्ट तक की 22 किलोमीटर की दूरी 7 घंटे चार मिनट में तैरकर पार विश्व रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करा चुकीं हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात में  जिया की तारीफ कर चुके हैं। जलपरी जिया राय ने राष्ट्रीय तैराकी खेलों में भी जीत का झंडा बुलंद किया है। 200 मीटर फ्री स्टाइल, 100 मीटर बैक स्ट्रोक और 100 मीटर बटरफ्लाई तैराकी में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता है। राष्ट्रीय खेलों में 20 से 22 मार्च तक हुए नेशनल चैंपियनशिप में पूरे देश के 600 तैराकों ने हिस्सा लिया जबकि जिया ने एस14 के ग्रुप में तैराकी में तीन स्पर्धा में हिस्सा लिया। राष्ट्रीय खेलों में मिली कामयाबी से जिया के हौंसले बुलंद हैं और वे अब ओलंपिक खेलों में मेडल जीतकर विश्व स्तर पर अपनी छाप छोड़ना चाहतीं हैं।

भारतीय नौसेना में हैं पिता
पिता मदन राय नेवी में अफसर है। मूल रूप से परिवार उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ जिले के सगड़ी तहसील में स्थित कटाई अलीमुद्दीनपुर गांव का रहने वाला है। मदन राय इन दिनों मुंबई में कार्यरत है। 12 साल की बेटी दिव्यांग जिया जन्म से ही ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर से ग्रसित है। इस बीमारी में बच्चे की बोलने की क्षमता लगभग खत्म हो जाती है। इसके बावजूद वह तैराकी में कई रिकॉर्ड बना चुकी है। कई तैराकी स्पर्धा में उसने अपने ही रिकॉर्ड तोड़ कर गिनीज बुक में नाम दर्ज किया है।

हिंदी भाषियों का समर्थन
महानगर की हिंदी भाषियों की संस्थाओं ने जिया की कामयाबी की सराहना की है। उसे हर तरह की मदद का आश्चवान दिया है। हिंदी भाषियों की संस्था "परिश्रम" की तरफ से एडवोकेट आर पी पांडेय तथा कृपाशंकर पांडेय ने कोलाबा नेवी नगर स्थित उसके आवास पर जाकर अभिनंदन किया। एडवोकेट पांडेय ने कहा कि, जिया बहुत मेहनती है। उससे मिलने के बाद हमें भी उस पर पूरा विश्वास है कि निश्चित ही आजमगढ़ की यह नन्हीं सी जलपरी एक दिन ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करेगी।

Tags:    

Similar News