14 माह बाद पहुंची कैंसर की दवाएं, 350 मरीज हो रहे थे परेशान

14 माह बाद पहुंची कैंसर की दवाएं, 350 मरीज हो रहे थे परेशान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-04 16:16 GMT
14 माह बाद पहुंची कैंसर की दवाएं, 350 मरीज हो रहे थे परेशान
हाईलाइट
  • 14 माह बाद पहुंची कैंसर की पर्याप्त दवाएं
  • छिंदवाड़ा जिले में लगभग 1300 मरीज कैंसर के गंभीर रोग से जूझ रहे हैं
  • रोग से पीडि़त मरीज पिछले 14 माह से दवाओं के अभाव में इलाज के लिए मोहताज थे

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिले में लगभग 1300 मरीज कैंसर के गंभीर रोग से जूझ रहे हैं। इस रोग से पीडि़त मरीज पिछले 14 माह से दवाओं के अभाव में इलाज के लिए मोहताज थे। इनमें से 350 मरीज ऐसे है जिन्हें हर सप्ताह किमोथैरेपी के लिए हजारों रुपए की दवाएं खरीदनी पड़ती थी। लम्बे इंतजार के बाद जिला अस्पताल में पर्याप्त दवाएं आ चुकी है। इन दवाओं की उपलब्धता के बाद मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।

इस संबंध में कैंसर रोग विशेषज्ञ और जिला नोडल अधिकारी डॉ दीपेन्द्र सलामे ने बताया कि फरवरी 2018 से दवाओं का कमी बनी हुई थी। जिला अस्पताल में दवाओं की सप्लाई के लिए बालाघाट को डिपो बनाया गया था। दवाएं न मिलने से मरीजों की किमोथैरेपी नहीं हो पा रही थी। डिपो से अभी पर्याप्त दवाएं मिलने से 350 मरीजों को किमोथैरेपी के लिए दवाएं बाजार से नहीं खरीदनी पड़ेगी।

इन मरीजों को राहत-

डॉ.सलामे ने बताया कि जिले में ब्लड कैंसर, स्तन कैंसर और मुंह के कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज है। दवा आने से इन मरीजों का इलाज संभव हो सकेगा। शासन द्वारा तय 19 प्रकार की दवाओं में से पांच प्रकार के इंजेक्शन और एक टेबलेट की पर्याप्त मात्रा में सप्लाई हो चुकी है।

नहीं जाना होगा जबलपुर मेडिकल-

जिला अस्पताल में कैंसर की दवाएं न होने से मरीजों को किमोथैरेपी के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा था। इन दवाओं की सप्लाई के बाद इन मरीजों को अस्पताल में ही किमोथैरेपी मिल जाएगी। वहीं अब मरीजों को जरुरी और मेहंगी दवाएं खरीदनी भी नहीं पड़ेगी।

बाजार से लानी पड़ रही थी दवा-

जिला अस्पताल में किमोथैरेपी के लिए जरुरी दवाएं न होने से मरीजों को बाजार से दवाएं लानी पड़ती थी। आर्थिक रूप से सक्षम मरीज के परिजन तो दवाएं लाकर किमोथैरेपी करा लेते थे, शेष मरीजों को जबलपुर मेडिकल कॉलेज जाकर किमोथैरेपी करनी पड़ रही थी।

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