सावधान ! सैनिटाइजर वाले हाथों से पटाखा जलाना हो सकता है घातक

सावधान ! सैनिटाइजर वाले हाथों से पटाखा जलाना हो सकता है घातक

Anita Peddulwar
Update: 2020-11-13 05:27 GMT
सावधान ! सैनिटाइजर वाले हाथों से पटाखा जलाना हो सकता है घातक

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कोरोना महामारी से बचने के लिए मास्क पहनना और हाथ में सैनिटाइजर लगाना जरूरी है, लेकिन दिवाली के समय जरा सावधानी रखनी होगी। पटाखे या दीया जलाने से पहले सैनिटाइजर से परहेज करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो घातक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सैनिटाइजर में 70 प्रतिशत तक अल्कोहल होता है, जो ज्वलनशील होता है। इसलिए दिवाली पर पटाखे चलाते समय हाथो पर सैनिटाइजर का प्रयोग करने से बचें। सैनिटाइजर का अल्कोहल व अन्य केमिकल, पटाखों के बारूद के संपर्क में आते ही बड़े हादसे का सबब बन सकता है।

बच्चों का रखें विशेष ध्यान
बच्चे पटाखे फोड़ने को लेकर बहुत उत्साहित रहते हैं। इसलिए बच्चों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कोरोना को देखते हुए इस बार पटाखों से बच्चों को दूर ही रखना ठीक होगा। इको फ्रेंडली दिवाली मनाएं। इससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा। पटाखे फोड़ते समय बच्चे  के हाथ में सैनिटाइजर न लगा हो, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है। महिलाएं भी दीया और कैंडल से घर को सुशोभित करती हैं। इसलिए महिलाओं को भी इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि हाथ में सैनिटाइजर लगाकर ज्वलनशील पदार्थो को कतई न छुएं। 

सावधानी बरतनी जरूरी
कोरोना के समय में दिवाली के त्योहार मनाते समय विशेष सावधानियां रखना आवश्यक है। छोटी सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकती है। सैनिटाइजर लगाने के बाद ज्वलनशील पदार्थ से दूर रहना चाहिए। पहले भी कई मामले हुए हैं, जिससे छोटी सी लापरवाही बहुत भारी पड़ी है। सैनिटाइजर में 70 प्रतिशत अल्कोहल होता है। पटाखो में बारूद होती है। अगर सैनिटाइजर लगे हाथों से पटाखा छूते हैं तो अल्कोहल का बारूद से संपर्क होता है। ऐसे में बड़ा हादसा हो सकता है। अल्कोहल तेजी से आग पकड़ता है। कई लोगो की स्किन सेंसिटिव होती है, जिससे एलर्जी भी हो सकती है। "सेफ एंड हेल्दी" दिवाली मनाने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी आवश्यक है। अगर किसी के साथ कोई हादसा हो जाता है, तो तुरंत हाथ को पानी में डालना चाहिए। एंटीसेप्टिक क्रीम लगाना चाहिए। घर प ही प्रथमिक उपचार कर लें। इसके बाद नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।                               
 -डॉ. जयेश मुखी, त्वचा रोग विशेषज्ञ, मेडिकल कॉलेज

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