वर्षों पुरानी OT टेबल पर होती है सर्जरी! जिला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर उपकरणों की किल्लत

वर्षों पुरानी OT टेबल पर होती है सर्जरी! जिला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर उपकरणों की किल्लत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-02 08:02 GMT
वर्षों पुरानी OT टेबल पर होती है सर्जरी! जिला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर उपकरणों की किल्लत

डिजिटल डेस्क,  सिंगरौली (वैढ़न)। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के केन्द्र जिला अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर (OT) आज भी वर्षों पुरानी OT टेबल के सहारे चल रहा है। करीब 15-20 वर्ष पुरानी यह टेबल दिखने में तो ठीक-ठाक लगती है, लेकिन जब OT में किसी मरीज की सर्जरी, ड्रेसिंग व अन्य तरह के ऑपरेशन किए जाते हैं, तो उस दौरान इस पुरानी OT टेबल के कारण चिकित्सकों के पसीने छूट जाते हैं। क्योंकि ऑपरेशन आदि के कार्यों के अनुकूल यह टेबल सामान्य टेबल बनकर रह गई है। इसका हाइड्रोलिक काफी पहले ही खराब हो गया था, जिससे इसका कोई फंक्शन काम ही नहीं करता है और सर्जरी आदि के दौरान जब चिकित्सक को इसके फंक्शनों की आवश्यकता होती है तो यह न तो ऊपर-नीचे होती है और न ही अन्य फंक्शन कार्य करते। नतीजा, ऑपरेशन जैसे सेन्सेटिव कार्यों के दौरान चिकित्सकों को खासा परेशान होना पड़ता है।

हालांकि जैसे-तैसे जुगाड़ करके काम चलाया जा रहा है, लेकिन ऐसा कब तक चलेगा? क्योंकि यहां OT की इन छोटी-छोटी मगर अहम जरूरतों को लेकर कई और भी कमियां काफी समय से बनी हुई हैं। जिसे लेकर बताया जाता है कि OT में तो सामान्य सर्जरी के लिए आवश्यक उपकरणों की भी किल्लत काफी समय से बनी हुई है। कुछ गिने-चुने पुराने उपकरण हैं, जिनके सहारे आज भी OT का काम चल रहा है। बताया जाता है यहां यह हालात आज से नहीं बल्कि वर्षों से बने हुए हैं। ऐसे में सुनने में यह छोटी-छोटी समस्याएं जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में रूकावट बनी रहती हैं और इसका खामियाजा कहीं न कहीं मरीजों को ही भुगतना पड़ता है।

इसलिए नहीं हो पा रहीं सर्जरी- सूत्र बताते हैं कि अभी तक जिला असप्ताल में सर्जरी नहीं होने का कारण सर्जन नहीं था, लेकिन अब जब सर्जन पदस्थ भी कर दिए गए हैं तो भी सामान्य सर्जरी के लिए भी लोगों को यहां से उल्टे पांव जाना पड़ रहा है। जिसकी बड़ी वजह उपकरणों की अनुपलब्धता है। बताते हैं कि यहां उपलब्ध व्यवस्थाओं के तहत फिलहाल जो सर्जरी हो पा रही है उसमें हर्निया की हर्नियोप्लास्टी सर्जरी की तादात ज्यादा है। इसके अलावा अपेन्डिसेक्टोमी, पित्त की थैली की पथरी, बच्चेदानी का ऑपरेशन, आंत फटने और पेट से जुड़ी अन्य सामान्य सर्जरी करना मुश्किल बना हुआ है। 

जगी है उम्मीद
खास बात यह भी है कि OT की इन कमियों को लेकर खुद अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोग भी मानते हैं कि OT में आवश्यक उपकरणों की कमियां तो है, लेकिन अस्पताल के नए प्रभारी सिविल सर्जन के आने के बाद एक उम्मीद भी जगी है कि शायद अब इन कमियों की पूर्ति जल्द से जल्द की जा सकेगी। क्योंकि पहले सिविल सर्जन और सीएमएचओ के प्रभारी अलग-अलग थे। इससे दोनों प्रभारी अपने-अपने हिसाब से कार्य करते थे लेकिन अब जब दोनों प्रभार एक के ही पास है तो वह जरूरत के अनुसार आवश्यकताओं की पूर्ति करेंगे ही। 

इनका कहना है
अस्पताल की OT टेबल तो काफी पुरानी है और उसका हाइड्रोलिक खराब होने से समस्या भी बनी रहती है। लेकिन ऑपरेशन आदि के कार्यों को रूकने नहीं दिया जाता है। उपकरणों की भी काफी जरूरत है। नए सीएस ने ज्वाइन करने के बाद निर्देश दिया था, जिसके तहत अस्पताल के सभी विभागों से उनके यहां की जरूरतों का डिमांड लेटर मांगा गया है। अब वह जरूरतों को पूरा करेंगे। 
- डॉ. आरबी सिंह, आरएमओ जिला अस्पताल वैढ़न

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