‘आधार’ के बिना बैंक ने खाता खोलने से किया इंकार, हाईकोर्ट में दायर कर दी याचिका  

 ‘आधार’ के बिना बैंक ने खाता खोलने से किया इंकार, हाईकोर्ट में दायर कर दी याचिका  

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-22 12:00 GMT
 ‘आधार’ के बिना बैंक ने खाता खोलने से किया इंकार, हाईकोर्ट में दायर कर दी याचिका  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आधार कार्ड के बिना खाता न खोलने वाले बैंक के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि आधार कार्ड की अनिवार्यता से जुड़ा मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में प्रलंबित है। इस मामले में फैसला आने के पहले आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया जा सकता। ऐसे में आधार के बगैर बैंक का खाता खोलने से इंकार करना न सिर्फ पूरी तरह से अनुचित है बल्कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। यह याचिका माइक्रो फाइबर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने दायर की है।

याचिका में मांग की गई है कि नरिमन प्वाइंट स्थित यस बैंक को निर्देश दिया जाए कि वह कंपनी का खाता बिना आधार कार्ड के खोले। इसके साथ ही खाता न खोलने के चलते कंपनी को हुए नुकसान व समय की बर्बादी के लिए बैंक को याचिकाकर्ता को दस लाख रुपए मुआवजा देने का भी निर्देश दिया जाए। याचिका में कहा गया है कि कंपनी के निदेशक नियम भसीन ने बैंक से आग्रह किया था कि उनकी कंपनी का खाता खोला जाए लेकिन बैंक अधिकारियों ने आधार कार्ड के बिना खाता खोलने से इंकार कर दिया। इस संबंध में जब कंपनी ने बैंक को पत्र लिखा और सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी दी गई तो भी बैंक ने न तो पत्र का जवाब दिया और न ही कंपनी का खाता खोला। जिससे कंपनी को अपना कारोबार करने में दिक्कत आ रही है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि आधार कार्ड के अभाव में किसी को परेशान न किया जाए।

यह मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए विचाराधीन है। केंद्र सरकार ने सरकारी योजनाओं से जुड़े लाभ पानेवाले व सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर आधार कार्ड की शुरुआत की थी। याचिका में दावा किया गया है कि याचिकाकर्ता सरकार की किसी सरकारी योजना का लाभ लेने का इच्छुक नहीं है। अधिवक्ता भसीन ने न्यायमूर्ति शांतनु केमकर व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ के सामने याचिका का उल्लेख किया। खंडपीठ ने अगले सप्ताह इस याचिका पर सुनवाई रखी है। 

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