सीबीएसई : हिंदी-इंग्लिश पैटर्न में होगा बदलाव

सीबीएसई : हिंदी-इंग्लिश पैटर्न में होगा बदलाव

Anita Peddulwar
Update: 2019-03-18 10:34 GMT
सीबीएसई : हिंदी-इंग्लिश पैटर्न में होगा बदलाव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को नए बदलावों के साथ अगले सत्र में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। सीबीएसई की ओर से वेबसाइट पर एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसके हिसाब से संस्कृत, इंग्लिश और हिंदी के करिकुलम में बदलाव देखने को मिलेगा। यह परिवर्तन कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लिए होगा। इसमें इंटरनल असेसमेंट के साथ मूल्यांकन भी शामिल है। इसके साथ नए सत्र में भाषा की किताबें भी बदल जाएंगी। इसमें अंग्रेजी के साथ संस्कृत और हिन्दी की किताबें भी शामिल होंगी। इन तीनों विषयों की किताबें अब एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित की जाएंगी। अब तक भाषा की किताबें खुद सीबीएसई द्वारा प्रकाशित की जाती थीं, लेकिन अब इसमें नए प्रयोग देखने को मिलेंगे। 

स्कूल स्टडी पर अधिक फोकस
स्कूलों में नए सत्र में जो करिकुलम घोषित होगा, उसे ही सभी स्कूलों में लागू किया जाएगा। बोर्ड की मानें तो स्कूल स्टडी पर छात्र का अधिक फोकस हो, इसके लिए इंटरनल असेसमेंट के 20 अंकों में बदलाव किया जाएगा। यह बदलाव कक्षा 9वीं-10वीं और 11वीं-12वीं में अलग-अलग किया जाएगा। एक्सपर्ट का कहना है कि मूल्यांकन और स्कूल वर्क में भी बदलाव होगा। इंटरनल असेसमेंट की जानकारी भी स्कूलों को जल्द दे दी जाएगी।

ग्रीन जाब्स के लिए कौशल विकास पर मंथन
देश के प्रमुख क्षेत्रों में ग्रीन जॉब्स की संभावनाओं पर गहाराई से विचार करने के लिए सीएसआईआर-नीरी में मंथन किया गया। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने नीरी में कौशल विकास कार्यक्रमों को मजबूत किए जाने पर परामर्श दिया। सीएसआईआर-नीरी के निदेशक डॉ. राकेश कुमार, डॉ. जे. एस. पांडेय, प्रकाश कुंभारे, डॉ. प्रदीप साल्वे, डॉ. एच. वी. सिंह, डॉ. सुलभा लामा उपस्थित थे।  मंथन के दौरान स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स, दिल्ली के प्रमुख अर्पित शर्मा ने कहा कि वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट के क्षेत्र में ग्रीन जॉब्स के लिए तकनीक की संभावना तलाशने हम नीरी से जुड़ रहे हैं। इसके साथ ही इको इंच सर्विस, वड़ोदरा इनवायरो सहित कई कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए नीरी के निदेशक राकेश कुमार ने कहा कि प्रत्येक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रभावी और समयोचित होने चाहिए।

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