तीसरी आंख रख रही वाहनों पर नजर, अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयरी, सात कैमरे लगाए गए

तीसरी आंख रख रही वाहनों पर नजर, अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयरी, सात कैमरे लगाए गए

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-15 07:50 GMT
तीसरी आंख रख रही वाहनों पर नजर, अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयरी, सात कैमरे लगाए गए

डिजिटल डेस्क, कटनी। बढ़ते अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए अब तीसरी आंख वाहन एवं वाहन चालकों पर नजर रखेगी। एएनपीआर कैमरे वाहनों की नम्बर प्लेट को पढ़ेंगे। यह व्यवस्था फिलहाल सात स्थानों पर की गई है। आगामी समय में आठ और अन्य स्थानों पर कैमरे लगाए जाने की तैयारी की जार रही है। एएनपीआर (ऑटोमैटिक नम्बर प्लेट रीड) के माध्यमों से उनके वाहनों पर नजर रखी जा रही है। अक्सर होता यह है कि अपराधी अपना चेहरा ढंके हुए होता है और मोटर साइकिल पर सवार होकर फरार हो जाता है, लेकिन यह कैमरे वाहनों की नम्बर प्लेट स्केन कर लेंगे, जिसके बाद पुलिस अपराधी तक पहुंचेगी। सीसीटीव्ही और एएनपीआर कैमरे के माध्यम से संदिग्ध लोगों पर भी नजर रखी जा रही है। शहर भर में चार प्रमुख जगहों पर एएनपीआर के सात कैमरे अलग-अलग दिशा में लगे हुए हैं। कैमरे की उपयोगिता को देखते हुए शहर के अन्य आठ जगहों पर भी इसकी तैयारी शुरु की गई है।

तीस दिन तक डाटा
एक बार जो भी वाहन इस एएनपीआर कैमरे की जद से गुजरता है। उस वाहन के नम्बर प्लेट की फोटो यह कैमरा पूरे एक माह तक रखता है। अब किसी जगह पर घटना घटित होने की जानकारी पर कंट्रोल रुम से वहां से गुजरने वाले प्रत्येक वाहनों की पतासाजी नए सिरे से पुलिस करती है। खासतौर पर बाइक और अन्य वाहनों से आकर वारदातों को अंजाम के वाहन नम्बर उन कैमरों में कैद हो जाते हैं, जिसकी जानकारी अपराधियों को नहीं होती।

चार जगहों पर लगाए कैमरे 
नम्बर प्लेट रीड करने वाले कैमरे शहर के चार प्रमुख जगहों पर लगाए गए हैं। यहां पर अलग-अलग दिशा में सात कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ अन्य आठ जगहों पर भी कैमरा लगाने की तैयारी पुलिस ने की है। सर्वे कर मांग पत्र भोपाल भेजा गया है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि चुनाव के बाद शहर के अन्य आठ प्रमुख जगहों पर भी एएनपीआर कैमरा लगाने का काम किया जाएगा।

मामलों में कर रही मदद
अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों की खोज-खबर लेने में एएनपीआर कैमरा महत्वपूर्ण मदद कर रही है। इसमें चोरी के वाहनों का भी पता लगाया जाता है, तो साथ ही अपराध में संलिप्त वाहनों का भी आसानी से पता चल जाता है। बशर्ते पीडि़त को यह जानकारी हो कि उसके साथ किसी तरह की वारदात को अंजाम देने वाले अपराधी किस वाहन में सवार थे, और कितने समय वे वारदात को अंजाम दिए।

इनका कहना है
शहर में चार जगहों पर सात एएनपीआर कैमरे लगाए गए हैं। जिनसें वाहनों के नम्बर प्लेट पर नजर रखी जा रही है। आठ जगहों पर सर्वे कार्य करते हुए इसकी जानकारी भोपाल भेजी जा चुकी है।
- एचएल चौधरी, रेडियो प्रभारी

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