अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में लगे सीसीटीवी पड़े बंद

अव्यवस्था अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में लगे सीसीटीवी पड़े बंद

Anita Peddulwar
Update: 2021-11-05 08:12 GMT
अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में लगे सीसीटीवी पड़े बंद

डिजिटल डेस्क,अमरावती। अमरावती जिला मध्यवर्ती कारागृह में क्षमता से अधिक कैदियों को रखा गया है। जेल में नियुक्त कर्मचारियों की कमी तथा सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जिला कारागृह में बंद कैदियों पर निगरानी रखने के लिए 25 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। 1 वर्ष पहले लगाए गए इन कैमरों में से अब अधिकतर बंद हैं और इन्हें दोबारा शुरू करने के लिए भी जेल प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है। कारागृह में बंद सजायाफ्ता व विचाराधीन कैदियों में कई संगीन अपराधों में लिप्त अपराधियों का समावेश है। जेल परिसर में लगे कैमरे जेल कर्मचारियों को काफी सुविधा प्रदान करते थे तथा उनके काम में भी आसानी लाया करते थे।

अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में 1100 कैदियों की क्षमता है। वर्तमान स्थिति में करीब 900 कैदी विभिन्न कारणों के चलते कारागृह में कैद हैं। हर कैदी पर नजर रखना जेल कर्मचारियों के लिए संभव न होने से कारागृह परिसर में 25 कैमरे लगाए गए थे। इन सीसीटीवी कैमरे से कारागृह में किसी भी तरह की अनुचित घटना तथा कैदियों की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखने से जेल प्रशासन को काफी सहायता मिलती थी। इसके अलावा कारागृह अधीक्षक रमेश कांबले के मार्गदर्शन में दर्जनों कारागृह अधिकारी व सैकड़ों कर्मचारी 24 घंटे कारागृह में गश्त लगाते है। कैदियों के अपराध अनुसार उन्हें अलग-अलग विभागों में बांट दिया जाता है। जिसमें कभी भी आने वाले, हमेशा जेल में आने वाले तथा विशिष्ठ अपराधों में लाए जाने वाले आरोपियों की अलग-अलग श्रेणी बनाई गई है। कैदियों को सुनाई गई सजा के हिसाब से उन्हें उस श्रेणी में रखा जाता है। 3 माह से कम सजा पाने वाले अल्पावधि कैदी, तीन माह से दो साल तक सजा पाने वाले मध्यम कैदी तथा दो साल से अधिक सजा पाने वाले अपराधी को दीर्घ अवधि वाले कैदी के रूप में पहचाना जाता है। दीर्घ अवधि वाले कैदियों पर कारागृह प्रशासन द्वारा विशेष निगाह रखी जाती है।

184 वर्ष पुरानी है जेल
अमरावती जिला कारागृह का निर्माण ब्रिटीशकालीन सरकार ने वर्ष 1836 में किया था। कारागृह का निर्माण भले ही पुराना हो लेकिन इसकी सुरक्षा व्यवस्था अभेद है। यहां की दीवारें पत्थर की बनी होने से इन पर गोलाबारूद का भी असर नहीं होता है। कारागृह के अभेद सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए कारागृह की हर हलचल पर कैमरे से नजर अब रखी जा रही है।

 

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