पुराना भंडारा रोड पर सेंटर लाइन और डिमार्केशन कल से, लोगों को नोटिस जारी

पुराना भंडारा रोड पर सेंटर लाइन और डिमार्केशन कल से, लोगों को नोटिस जारी

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-12 08:55 GMT
पुराना भंडारा रोड पर सेंटर लाइन और डिमार्केशन कल से, लोगों को नोटिस जारी

डिजिटल डेस्क,  नागपुर। 18 साल से अटके मेयो हॉस्पिटल से लेकर सुनील होटल तक पुराना भंडारा रोड का काम शीघ्र शुरू होने की उम्मीद जागी है। इस मार्ग पर 13 अगस्त से सिटी सर्वे द्वारा सेंटर लाइन और डिमार्केशन अर्थात जगह की मार्किंग शुरू की जाएगी। इस संबंध में प्रभावित होने वाले सभी स्थानीय निवासी और व्यवसायियों को नोटिस जारी किया गया है। उन्हें सोमवार सुबह 6 बजे मौके पर उपस्थित रहकर अपनी जगह की मार्किंग करने का आदेश दिया गया है।

फिलहाल मनपा की चिंता रोड से ज्यादा प्रभावितों को दिए जाने वाले मुआवजे को लेकर बढ़ी है। आर्थिक संकट से जूझ रहे महानगरपालिका से 80 प्रतिशत लोगों ने कैश (नगद) की मांग की है, जबकि मनपा टीडीआर और एफएसआई बढ़ाकर देने की योजना बना रही है। कैश की मांग करने से मनपा का आर्थिक नियोजन गड़बड़ाता दिख रहा है। इससे योजना और अधिक लंबी खिंच सकती है।

2000 में तैयार किया गया था प्रारूप
वर्ष 2000 में शहर का विकास प्रारूप तैयार किया गया था। प्रारूप में 45 रोड मंजूर हुए थे, जिसमें 43 रोड बन चुके हैं। केलीबाग रोड और पुराना भंडारा रोड का काम रुका था। हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद अब केलीबाग रोड में रुकावटों को हटाने का काम शुरू हो गया है, लेकिन पुराना भंडारा रोड का मामला अभी भी अटका हुआ है। इस रोड को 60 फीट चौड़ा करना है। इसे लेकर भी मध्य नागपुर विकास आघाड़ी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस पर 2010 में हाई कोर्ट का पहला आदेश आया था, किन्तु इस आदेश पर कोई काम नहीं हुआ।

जिसके बाद फिर कोर्ट में चुनौती दी गई। इस अनुसार 17 जुलाई 2017 को नागपुर खंडपीठ की डबल बेंच ने नागपुर महानगरपालिका को आदेश जारी कर तीन महीने में सड़क चौड़ाईकरण का काम शुरू करने को कहा था, लेकिन आदेश के साल भर बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया है। इस बीच नगर रचना विभाग द्वारा सभी लोगों को नोटिस जारी कर सोमवार को मार्किंग के समय उपस्थित रहने का निर्देश जारी किया गया है।

सड़क चौड़ाईकरण में 444 लोग होंगे प्रभावित
पुराना भंडारा रोड के चौड़ाईकरण में 444 दुकान और मकान प्रभावित होंगे। अभी यह तय नहीं हुआ कि किसकी कितनी जगह जाएगी। मार्किंग के बाद यह सुनिश्चित होगा कि कितनी जगह अधिग्रहण में होगी। इससे पहले नगर रचना विभाग ने 13 जुलाई 2018 को मार्किंग करने की नोटिस जारी की थी, लेकिन मौके पर टीम जाने पर वहां सेंटर लाइन और डिमार्केशन मार्किंग नहीं दिखने से सिटी सर्वे टीम को वापस लौटना पड़ा था। 2011 में तत्कालीन अभियंता द्वारा सेंटर लाइन की मार्किंग की गई थी, लेकिन 2011 में खिंची गई सेंटर लाइन के निशान वहां नहीं होने से मार्किंग करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए नए सिरे से नोटिस जारी कर मार्किंग करने का निर्णय लिया गया है। इस मार्किंग के बाद आगे की योजना तैयार होगी।

मार्किंग के बाद यह तय होगा
सिटी सर्वे में 28 लाख रुपए जमा किए हैं। जल्द मार्किंग होगी। मार्किंग के बाद किसका कितना हिस्सा जाएगा, यह तय किया जाएगा। एक महीने में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। उसके बाद आपत्ति व सूचना मंगवाकर मु‌आवजे या टीडीआर पर निर्णय लिया जाएगा।  (राजेश भुतकर, कार्यकारी अभियंता, मनपा )

जल्द से जल्द काम शुरू हो
यह काम 2000 से अटका है। दो बार न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। 2017 में हाई कोर्ट की डबल बेंच ने तीन महीने में काम शुरू करने का आदेश देने के बावजूद काम शुरू नहीं हो पाया है। इस आदेश को भी सालभर से भी ज्यादा का समय हो गया है। हमारी यही मांग है कि इस रोड के नागरिकों की तकलीफों को ध्यान में रखकर जल्द से जल्द काम शुरू किया जाए।  (भूषण दडवे, अध्यक्ष, मध्य नागपुर विकास आघाड़ी )

दोगुनी हो सकती है योजना की लागत
वर्ष 2007 में सड़क चौड़ाईकरण की लागत निकाली गई थी। उस समय सड़क निर्माण की लागत 219 करोड़ रुपए के करीब थी। अब यह लागत दोगुनी होने की संभावना है। समय के साथ अब इसे डामरीकरण की बजाए सीमेंटीकरण करने का निर्णय लिए जाने की जानकारी सामने आई है। इस संबंध में मध्य नागपुर िवकास आघाड़ी के पदाधिकारियों की केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, मनपा आयुक्त के साथ पिछले साल बैठक हुई थी। बैठक में केंद्रीय मंत्री ने अपने विभाग की ओर से मनपा आयुक्त को 210 करोड़ रुपए देने की घोषणा कर सड़क चौड़ाईकरण का काम शुरू करने को कहा था। अब तक यह राशि भी मनपा को नहीं मिली है। ऐसे में मनपा में वित्तीय नियोजन की बड़ी चुनौती खड़ी है।

मनपा के सामने दोहरा संकट
मनपा ने सिटी सर्वे विभाग में इसके लिए करीब 28 लाख रुपए जमा किए हैं। इस दौरान लोगों की कितनी जगह जा रही है, यह तय किया जाएगा। उसके हिसाब से उनका मुआवजा तय होगा। हालांकि मनपा टीडीआर और एफएसआई देने की योजना पर काम कर रही है, लेकिन ज्यादातर लोगों की ओर से अभी से कैश की मांग सामने आने से मनपा की चिंता बढ़ गई है। आर्थिक संकट से जूझ रही मनपा के सामने पहले ही कई वित्तीय संकट हैं। केलीबाग रोड में भी अधिकतर लोगों की मांग कैश की है। जिस पर नगर रचना विभाग अभी तक निर्णय नहीं ले पाया है। पुराना भंडारा रोड में भी यही रुझान दिखने से मनपा के सामने दोहरा संकट खड़ा हो गया है।

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