धनगर आरक्षण का मामला एसटी आयोग तक पहुंचा हीं नहीं है : आयोग की सदस्य माया इवनाते

धनगर आरक्षण का मामला एसटी आयोग तक पहुंचा हीं नहीं है : आयोग की सदस्य माया इवनाते

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-17 13:55 GMT
धनगर आरक्षण का मामला एसटी आयोग तक पहुंचा हीं नहीं है : आयोग की सदस्य माया इवनाते

डिजिटल डेस्क,नागपुर। धनगर आरक्षण के मामले को लेकर विविध स्तर पर निवेदन व मांगों का दौर चल रहा है, लेकिन यह मामला केंद्रीय अनुसूचित आयोग तक पहुंचा ही नहीं है। आयोग के पास यदि यह मामला पहुंचेगा तब ही आयोग अपना मत सरकार के समक्ष रखेगा। आयोग की सदस्य माया इवनाते ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा में यह जानकारी दी। धनगर आरक्षण के मामले पर सीधे तौर पर कुछ बोलने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि आरक्षण का मामला आयोग के बजाय सरकार से संबंधित रहता है।

आयोग केवल अपना मत रखता है। रविभवन में नागपुर विभागीय समीक्षा बैठक में मिली शिकायतों पर उन्होंने कहा कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में कई मामले लंबित है। लोगों को न्याय का इंतजार है। कुछ व्यक्तिगत मामले में तो पीड़ित को 20 वर्ष से न्याय के लिए प्रयास करना पड़ रहा है। अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित मामलों की समीक्षा बैठक में नागपुर के अलावा वर्धा, चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया व गडचिरोली जिले के प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। 12 प्रकरणों पर चर्चा की गई। उसमें नागपुर विश्वविद्यालय से संंबंधित एक प्रकरण पर प्रमुखता से चर्चा हुई। विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी को पेंशन के लिए न्याय का इंतजार है। रेलवे से संबंधित मामले पर भी चर्चा हुई। व्यक्तिगत शिकायतों की अधिकता है। चंद्रपुर, गडचिरोली व वर्धा जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के सरकारी नौकरी से संबंधित मामलों पर भी चर्चा हुई। 

औपचारिक ही रही बैठक

अनुसूचित जाति के मामलों को लेकर आयोग सदस्य की समीक्षा बैठक केवल औपचारिकता ही नजर आयी। निर्देश के बाद भी नागपुर विभाग के सभी जिलों के जिलाधिकारी बैठक में नहीं पहुंच पाए थे। आयोग से संबंधित जानकारी देने के लिए सदस्य इवनाते जवाब टालती रही। गौरतलब है कि इवनाते नागपुर की महापौर भी रही है। केंद्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य का केंद्रीय राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ है। इवनाते ने यह अवश्य कहा कि देश भर में आदिवासियों के विकास के मामले पर आयोग सतत निगरानी कर रहा है। सरकार को उचित मत भी देता है। लेकिन यह जवाब नहीं दिया कि किन मामलों पर आयोग ने ठोस कार्य किया है। अनुसूचित जाति वर्ग की फिलहाल बड़ी समस्या क्या है। 

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