बदल रही तकनीक : अंडा हैचिंग और गाय का दूध निकालने का काम कर रहीं मशीनें
बदल रही तकनीक : अंडा हैचिंग और गाय का दूध निकालने का काम कर रहीं मशीनें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अब वो दिन गए जब कृषि कार्य में छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी दिन-रात पसीना बहाना पड़ता था। जमाना तंत्र ज्ञान का है, जो कृषि पर भी छाया है। विज्ञान ने ऐसी ऐसी मशीनें ईजाद कर ली है, जिसने किसानों का कार्य और भी आसान कर दिया है। यही नहीं, अब पहले की तरह हैचिंग के लिए मुर्गियों या फिर गाय का दूध निकालने के लिए किसी व्यक्ति की जरूरत नहीं है, मशीनों ने इनकी जगह ले ली है।
जानकारी देने के लिए 350 स्टॉल
10वां एग्रोविजन-कृषि प्रदर्शनी, वर्कशॉप और राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन शहर के रेशमबाग मैदान में किया गया है। यहां आयोजित प्रदर्शनी में कृषि के लिए उपयोगी मशीनें, बीज-खाद, तकनीक और शासकीय योजनाओं की जानकारी देने के लिए करीब 350 स्टॉल लगाए गए हैं। प्रदर्शनी में पशुसंवर्धन विभाग, जिला परिषद नागपुर द्वारा 20 से अधिक प्रजातियों के मवेशियों की प्रदर्शनी लगाई गई है। इसमें पाकिस्तान मूल के सहवाल प्रजाति की गाय समेत, राजस्थान और गुजरात की कांक्रेज, गीर, रेडी सिंदी जैसे अनेक मवेशी प्रदर्शन के लिए रखे गए हैं। शनिवार को प्रदर्शनी में किसानों के अलावा शहरवासी भी भारी संख्या में यहां पहुंचे थे। इस स्टॉल में नए-नए प्रकल्प लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। बेहतर फसल प्राप्त करके कृषि से फायदा पहुंचाने की इस श्रृंखला में खेत की मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने वाले खाद, बीज, कृषि पद्धति, मशीनें और फसल की प्राेसिंग और पैकेजिंग तक की संपूर्ण जानकारी प्रदर्शनी में उपलब्ध कराई गई है।
प्रदर्शनी में किसानों के पशुपालन को आसान बनाने के कई उपकरण प्रदर्शित किए जा रहे हैं। यहां अंडा हैचिंग की मशीन भी प्रदर्शित की गई है। हीट टेक्नोलॉजी से संचालित यह मशीन एक बार में 400 अंडों के हैचिंग की क्षमता है। इसी तरह प्रदर्शनी में सक्शन पंप टेक्नोलॉजी पर गाय और भैंस का दूध निकालने की भी मशीन उपलब्ध है। इसी तरह सोलर फेंसिंग से लेकर स्पिकलर्स, थ्रेशर ,ट्रैक्टर और कृषि को सुगम बनाने वाली अन्य कई मशीनें प्रदर्शनी में उपलब्ध हैं।
इस प्रदर्शनी के लिए कुल दस हजार वर्ग मीटर जगह पर हैंगर, 4500 वर्ग मीटर जगह पर ओपन प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इस जगह कुल 7 डोम स्थापित किए गए हैं। इसमें से पांच डोम में प्रदर्शन के 350 स्टॉल लगे हैं। यहां कपास, जवस उत्पादन और हल्दी-अदरक बुआई, उत्पादन और प्रक्रिया से लेकर सब्जी उत्पादन, पशुपालन और जैविक खेती समेत ग्रीन हाउस तंत्रज्ञान और शेडनेट तंत्रज्ञान किसानों के लिए आधुनिक साधन, कीटनाशक का नियोजनबद्ध और कम से कम उपयोग, फूल खेती तंत्रज्ञान, अवसर और संबंधित शासकीय योजनाओं पर स्टॉल लगाए गए हैं।