गैर सरकारी संस्थाओं को पुरस्कृत करने बदला जलभूषण पुरस्कार का स्वरूप 

मुंबई गैर सरकारी संस्थाओं को पुरस्कृत करने बदला जलभूषण पुरस्कार का स्वरूप 

Anita Peddulwar
Update: 2022-05-14 13:35 GMT
गैर सरकारी संस्थाओं को पुरस्कृत करने बदला जलभूषण पुरस्कार का स्वरूप 

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  प्रदेश सरकार ने जलक्रांति के जनक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. शंकरराव चव्हाण की याद में दिए जाने वाले जलभूषण पुरस्कार के स्वरूप में बदलाव किया है। नए बदलाव के बाद राज्य में जलसंसाधन, जलसंरक्षण और जलापूर्ति के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाले निजी व्यक्तियों अथवा गैर सरकारी संस्थाओं और सरकारी अधिकारियों या कर्मचारियों को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। अब तक यह पुरस्कार निजी व्यक्तियों को दिया जाता था। राज्य सरकार के जलसंसाधन विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है।

जलभूषण पुरस्कार के राज्य स्तरीय प्रथम विजेता को एक लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह, द्वितीय विजेता को 75 हजार रुपए प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह और तृतीय विजेता को 50 हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा। वहीं सरकारी अधिकारी अथवा कर्मचारी वर्ग के पुरस्कार में प्रथम, द्वितीय और तृतीय क्रमांक के विजेताओं को चयन करके उन्हें प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा। जलभूषण पुरस्कार के लिए आवेदन करने वाले निजी व्यक्ति अथवा गैर सरकारी संस्थाओं के 1 अप्रैल से 31 मार्च एक वर्ष की अवधि में किए गए कामों का मूल्यांकन होगा। पुरस्कार के लिए राजस्व विभागीय स्तर पर पड़ताल समिति और राज्य स्तरीय छानबीन समिति गठित की गई है। प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील की मंजूरी से ही पुरस्कार विजेताओं का अंतिम चयन होगा। हर साल जलभूषण भूषण पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन 15 सितंबर किया जाएगा। सरकार ने कहा है कि सिंचाई और जलसंरक्षण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर गैर सरकारी संस्थाएं उल्लेखनीय काम करती हैं। उन संस्थाओं की भागीदारी का सम्मान करना उचित होगा। 
 

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