मेट्रो रेल स्टेशनों पर होगी इलेक्ट्रानिक कारों के लिए चार्जिंग सुविधा

मेट्रो रेल स्टेशनों पर होगी इलेक्ट्रानिक कारों के लिए चार्जिंग सुविधा

Anita Peddulwar
Update: 2021-01-07 11:40 GMT
मेट्रो रेल स्टेशनों पर होगी इलेक्ट्रानिक कारों के लिए चार्जिंग सुविधा

डिजिटल डेस्क,मुंबई। प्रदूषण रोकने और कार्बन उत्सर्जन कम करने सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहती है। आटो मोबाइल इंडस्ट्री ने पिछले साल इलेक्ट्रिक कार के कई मॉडल लांच किए हैं । फिलहाल राज्य की शहरों में चार्जिंग प्वाइंट का अभाव है। इस कमी को दूर करने के लिए ऊर्जा विभाग ने मेट्रो रेल स्टेशनों पर चार्जिंग प्वाइंट लगाने की योजना बनाई है।  

 राज्य के ऊर्जा मंत्री डा नितीन राऊत ने बताया कि राज्य की राजधानी मुंबई व उपराजधानी नागपुर में मेट्रो ट्रेन शुरु हो गई है जबकि पुणे, ठाणे, नई मुंबई जैसे शहरों में मेट्रो ट्रेन शुरु होने वाली है। इसलिए इलेक्ट्रिक कारो के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए मेट्रो रेल स्टेशनों पर चार्जिंग प्वाइंट लगाए जाएंगे। यहां लोग अपने वाहन पार्क कर मेट्रो से यात्रा कर सकेंगे। वापसी तक उनकी कार भी चार्ज हो जाएगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल ऊर्जा विभाग इस योजना पर कार्य कर रहा है। जल्द ही इसके लिए शुल्क भी तय कर लिया जाएगा। हमारी कोशिश होगी कि ये रेट ज्यादा न हो। राऊत ने कहा कि फिलहाल पेट्रोल पंपो पर चार्जिंग प्वाइंट लगाने की योजना नहीं है।  

भारत आ रही कई विदेशी इलेक्ट्रिक कार कंपनियां
पिछले साल कई बड़ी आटो मोबाइल कंपनियों ने अपने इलेक्ट्रिक कार बाजार में उतारे हैं जबकि इस साल कई विदेशी इलेक्ट्रिक कार कंपनियां भारत आने वाली हैं। टेस्ला इनमें से एक है। गत वर्ष राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने अपने एक ट्विट के माध्यम से मशहूर इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के संस्थापक इलॉन मस्क को महाराष्ट्र आने के लिए आमंत्रित किया था। राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने मस्क से वीडियो कॉल पर बात की थी। आदित्य ठाकरे के ट्वीट के जवाब में इलॉन मस्क ने लिखा, था, ‘अगले साल पक्का"। 

2030 तक हर दूसरा वाहन होगा इलेक्ट्रिक 
फिलहाल भारत इलेक्ट्रिक कारो के मामले में काफी पीछे है। अभी देश में 1 लाख 6 हजार ही इलेक्ट्रिक वाहन हैं। केंद्र सरकार ने 2030 तक अधिकतम इलेक्ट्रिक कार बनाने का लक्ष्य रखा है। नॉर्वे दूतावास के एक अध्ययन के मुताबिक 2030 तक भारत में हर दूसरी गाड़ी इलेक्ट्रिक होगी। ये गाड़ियां भारत सरकार के 35% कार्बन उत्सर्जन घटाने के लक्ष्य में मदद करेंगी। नार्वे इलेक्ट्रिक कारों के मामले में दुनिया में सबसे आगे है। यहां 13 फीसदी इलेक्ट्रिक कारे हैं। 2018 के मुकाबले 2019 में दुनियाभर में इलेक्ट्रिक कारो की संख्या 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। फिलहाल देश मं सात लाख से 24 लाख में इलेक्ट्रिक कार उपलब्ध हैं। नीति आयोग की योजना के मुताबिक 2030 तक देश में 40 फीसदी निजी सवारी वाहन इलेक्ट्रिक होंगे।  

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