छत्तीसगढ़ में 15 साल का वनवास खत्म, भारी बहुमत के साथ बनी कांग्रेस सरकार

छत्तीसगढ़ में 15 साल का वनवास खत्म, भारी बहुमत के साथ बनी कांग्रेस सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-11 12:41 GMT

डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पिछले 15 सालों से सत्ता से बाहर थी। इस बार कांग्रेस ने यहां बीजेपी का सूपड़ा पूरी तरह साफ कर दिया है। राज्य की 90 सीटों में से कांग्रेस ने 68 सीटों पर कब्जा कर रमन सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया है। यहां बीजेपी को महज 15 सीटें हाथ आईं हैं। वहीं अन्य के खाते में 7 सीटें गई हैं। बीजेपी सीएम रमन सिंह ने भी अपनी पार्टी की हार को स्वीकार करते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस ने अन्य राज्यों की तरह यहां भी सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किया था। मगर अब भारी बहुमत हासिल करने के बाद कांग्रेस के सामने सीएम चेहरे का चयन करना एक बड़ा सिरदर्द साबित हो रहा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में 4 ऐसे बड़े नाम हैं, जो सीएम के लिए उम्मीदवार माने जा रहे हैं। ये चार बड़े नाम मौजूदा विधानसभा चुनाव में विपक्ष के नेता त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव, भूपेश बघेल, ताम्रध्‍वज साहू और चरण दास महंत हैं।

त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव
त्रिभुवनेश्वर शरण पिछली विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं और इस बार फिर अंबिकापुर सीट से मैदान में उतरे। टीएस बाबा ने इस सीट पर शानदार अंदाज में जीत दर्ज करते हुए बीजेपी के अनुराग सिंह को 39624 वोटों से हराया है। बता दें कि त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव टीएस बाबा के नाम से जाने जाते हैं। वे सरगुजा के राज परिवार से संबंध रखते हैं। सरगुजा के राजपरिवार से आने वाले TS सिंहदेव छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। वह रक्सेल 117वें उत्तराधिकारी हैं। सिंहदेव ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में रमन सरकार के खिलाफ लगातार आक्रामक रहे।

भूपेश बघेल
भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ कांग्रेस के जाने-पहचाने चेहरे हैं। पिछले चार साल से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और राज्य में अपनी जमीनी पकड़ के कारण बघेल राजनीति में बड़ी पहचान बनाने में सफल रहे। इस बार भी वे पाटन सीट से चुनावी मैदान में थे और 27477 वोटों के साथ जीत हासिल कर ली है। हालांकि सीडी कांड की वजह से सुर्खियों में रहे भूपेश बघेल को जेल जाना पड़ा, लेकिन उन्होंने जमानत लेने से इनकार कर दिया था।

ताम्रध्‍वज साहू
ताम्रध्‍वज साहू कांग्रेस के सांसद हैं। वह पार्टी में ओबीसी चेहरे के तौर पर देखे जाते हैं। साहू दुर्ग ग्रामीण सीट से मैदान में थे और उन्होंने 27112 वोटों के साथ जीत हासिल कर ली है। इन्हें भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। वे पार्टी के राष्ट्रीय ओबीसी सेल के प्रमुख होने के अलावा कांग्रेस कार्यकारिणी में भी शामिल हैं। कांग्रेस के ओबीसी विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के कारण एक बड़े वर्ग में इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है।

चरण दास महंत
चरणदास महंत ने सक्ती विधानसभा सीट से 29,895 वोटों से जीत दर्ज कर ली है। महंत के सामने बीजेपी के मेधा राम साहू मैदान में थे। चरणदास एक कद्दावर नेता हैं और वे मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक हैं। महंत ने इस बार के विधानसभा चुनाव में वरिष्ठ नेताओं को एकजुट रखने में भी अहम भूमिका अदा की है। वे प्रदेश के बहुसंख्यक वर्ग में अच्छी पकड़ रखते हैं। साथ ही वे मध्यप्रदेश सरकार में गृहमंत्री और यूपीए की दूसरी पारी में केन्द्र सरकार में राज्य मंत्री भी रहे।

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