नान घोटाले में आईएएस अनिल टूटेजा ने पूर्व मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बताया निराधार

छत्तीसगढ़ नान घोटाला नान घोटाले में आईएएस अनिल टूटेजा ने पूर्व मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बताया निराधार

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-19 09:16 GMT
नान घोटाले में आईएएस अनिल टूटेजा ने पूर्व मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बताया निराधार

डिजिटल डेस्क, रायपुर। साल 2015 में छत्तीसगढ़ में हुआ नान घोटाला एक बार फिर चर्चा में है। इस घोटाले में जून 2015 में आईएएस अनिल टूटेजा पर तीन आरोप लगाए गए थे। जिसमें  आईएसएस अनिल टूटेजा पर राज्य में लाखों क्विंटल अमानक चावल का संग्रहण एवं वितरण करने एवं नान को 5.18 करोड़ की क्षति पहुंचाने एवं इसके अलावा राज्य में लाखों क्विंटल अमानक चावल के बदले राईस मिलरों से अवैध राशि एकत्र करने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। अब इस मामले में 7 साल बाद आईएएस अनिल टूटेजा एक बार फिर सामने आए और उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि मेरे ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाना अब बंद करिए।

टुटेजा ने पत्र के माध्यम से अपने साथ हो रहे भेदभावों का जिक्र किया और लिखा कि जो आरोप उन पर लगाए गए हैं वह सब साबित नहीं हुए हैं। उल्टा उन्हें क्लीनचिट दिया गया है। वही आप ही की सरकार में रहते हुए इन आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताया गया लेकिन मैं आज भी उन आरोपों का सामना कर रहा हूं। जिसके वजह से मेरी पदोन्नति रुक गई है। आगे अनिल टुटेजा ने लिखा कि आज उनसे जूनियर प्रमोट हो गए हैं लेकिन मैं आज भी आरोपों का शिकार होने के कारण वहीं पर बैठा हुआ हूं।

टूटेजा ने पत्र में उस समय मिले पी.डी.एस. प्रमाणपत्र का भी जिक्र किया। जिसको लेकर उन्होंने लिखा कि उस समय मेरे से कोई अवैध राशि बरामद नहीं हुई थी और न ही मेरे विरूद्ध अनुपातहीन संपत्ति होने का प्रकरण दर्ज किया गया था। चूंकि आपको यह भली भांति जानकारी थी कि मेरे विरूद्ध ए.सी.बी. द्वारा झूठा प्रकरण तैयार किया गया था, इसीलिये मेरे विरुद्ध किसी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही आरंभ करना और निलंबित करना तो दूर, मुझे कभी कारण बताओं सूचना तक जारी नहीं की गई, बल्कि मेरे कार्यकाल में भी राज्य का पी.डी.एस. सर्वश्रेष्ठ होने का प्रमाण पत्र दिया गया था। 

उन्होंने पत्र के माध्यम से पूर्व सीएम से दरख्त भी की है कि उन पर लगे आरोपों को हटाए जाए। जिसको लेकर उन्होंने लिखा कि आपके कार्यकाल के दौरान ही मेरी पदस्थापना जुलाई 2015 में संयुक्त सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के पग पर की गई थी और मेरा दुर्भाग्य देखिए मैं अभी भी संयुक्त सचिव स्तर के पद पर कार्यरत हूं। मुझसे 4 साल जूनियर अधिकारी भी सचिव के पग पर पदोन्नत हो चुके हैं। समस्त परिस्थितियों को देखते हुए आपसे विनम्र अनुरोध है कि वर्तमान सरकार पर मेरे खिलाफ कार्यवाही न करने, संरक्षण प्रदान करने, बचाने तथा महत्वपूर्ण पद पर पदस्थापना जैसे निराधार आरोप लगाने बंद करने का कष्ट करें। पूर्व में ही मैं अत्याधिक प्रताड़ना एवं अन्याय का शिकार हो चुका हूं।
 

 

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