छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की तैयारी, चुनाव के बाद होगा फैसला

छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की तैयारी, चुनाव के बाद होगा फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-07 08:06 GMT
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डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की कवायद फिर से शुरु हुई है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद संभाग के प्रपोजल को हरी झंडी मिल सकती है। यदि ऐसा हुआ तो पूरे 11 सालों के लंबे इंतजार के बाद छिंदवाड़ा वासियों के संभाग का सपना पूरा हो पाएगा। इसके पहले 2008 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने स्टेडियम में हुई जनसभा में छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की घोषणा की थी, लेकिन सालों तक सत्ता में रहने के बाद भी इस घोषणा को अमल में नहीं लाया जा सका। अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन और मुख्यमंत्री के पद पर कमलनाथ की ताजपोशी के बाद छिंदवाड़ा को कमिश्नरी मिलने की पूरी संभावना बन गई है। हाल ही में जिला प्रशासन से शासन ने इस मसले पर कागजी प्रोसेस शुरु करने के निर्देश दिए थे। हालांकि चुनाव में उलझे अफसरों ने इस प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया है, लेकिन भोपाल से जुड़े सूत्र बताते है कि अब आचार संहिता खत्म होते ही जिले को संभाग बनाने का सपना पूरा हो जाएगा।

इस वजह से आई अड़चने

बालाघाट-सिवनी की आपत्तियां
छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की घोषणा के बाद जिला और प्रदेश स्तर पर इसकी जोर-शोर से तैयारियां की जा रही थी। छिंदवाड़ा को कमिश्नरी का दर्जा देने के लिए सिवनी और बालाघाट को जोड़ा जा रहा था। 6 जून 2008 को राजस्व विभाग ने अधिसूचना जारी करते हुए दावे-आपत्तियां मंगवाई थी। जिसके बाद 20 आपत्तियां बालाघाट और सिवनी वासियों ने दर्ज कराई। इस वजह से संभाग का सपना पूरा  नहीं हो पाया था। आपत्ति और राजनीतिक खींचातानी के चलते पूरी प्रक्रिया सालों से रुकी पड़ी है।

छिंदवाड़ा की जगह सिवनी को तवज्जों 
राजनीतिक रस्साकसी के चलते 6 जून 2008 से 27 अगस्त 2008 तक 20 आपत्तियां आई। बाद में सभी आपत्तियों को राजस्व विभाग ने दरकिनार करते हुए इसका निपटारा भी कर दिया। 2013 के विधानसभा चुनाव में सिवनी और बालाघाट में राजनीतिक लाभ लेने के लिए सिवनी को संभाग बनाने की तैयारी शुरु हो गई थी। सिवनी और बालाघाट के विधायको के दबाव के चलते सिवनी को संभाग का दर्जा देने की तैयारी थी, लेकिन 2013 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को इन जिलों में बड़ी हार का सामना करना पड़ा। खुद सिवनी सीट हार गई। जिसके बाद इस प्रपोजल को भी रोक दिया गया।

प्रदेश का सबसे बड़ा जिला

  • 11 हजार 815 वर्ग किलोमीटर के साथ छिंदवाड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। 
  • सिवनी और बालाघाट की तुलना में छिंदवाड़ा का तेजी से विकास हुआ। 
  • 11 जनपद, नगर निगम सहित 14 तहसील और 11 जनपद पंचायत क्षेत्र है जिले में ।

 

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