मुख्यमंत्री ने शीत सत्र में न आकर रिकॉर्ड कायम किया- मुनगंटीवार

शीतकालीन अधिवेशन मुख्यमंत्री ने शीत सत्र में न आकर रिकॉर्ड कायम किया- मुनगंटीवार

Anita Peddulwar
Update: 2021-12-30 11:02 GMT
मुख्यमंत्री ने शीत सत्र में न आकर रिकॉर्ड कायम किया- मुनगंटीवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  प्रदेश के पूर्व मंत्री तथा भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सदन में न आने को लेकर कटाक्ष किया है। मुनगंटीवार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शीत सत्र में आए बिना एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। 1 मई में 1960 के बाद से महाराष्ट्र में बीते पांच दिनों तक चले शीत सत्र में पहला मौका है जब सदन में मुख्यमंत्री नहीं आए। बिना मुख्यमंत्री के सदन चलने वाला यह पहला अधिवेशन था। बुधवार को मुनगंटीवार ने दावा किया कि राज्य में सरकार असंवैधानिक फैसले ले रही है। भाजपा सरकार के फैसलों को लेकर अदालत में जाएगी। इसके साथ ही भाजपा राज्य में सरकार के खिलाफ एल्गार आंदोलन करेगी।

मुनगंटीवार ने कहा कि विपक्ष की ओर से सदन में सरकार से महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालय (तीसरा संशोधन) विधेयक को पारित न कराने की अपील की गई थी। लेकिन प्रदेश के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के भाषण में पहले अवरोध पैदा किया। फिर सरकार ने जबरन इस विधेयक को मंजूर करा लिया। मुनगंटीवार ने कहा कि राज्य सरकार के कर्ज को लेकर कुछ लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं। लेकिन साल 2019 में भाजपा- शिवसेना की युति सरकार बनने पर राज्य पर 2 लाख 94 हजार 261 करोड़ रुपए का कर्ज था। युति सरकार की सत्ता जाने के बाद राज्य पर 4 लाख 51 हजार 114 करोड़ रुपए का कर्ज था। भाजपा-शिवसेना युति सरकार ने पांच सालों में 1 लाख 57 हजार 53 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। लेकिन राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार में सत्ता में आने के दो साल के भीतर ही 1 लाख 64 हजार 56 करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया है। इससे राज्य पर कर्ज बढ़कर 6 लाख 15 हजार 170 करोड़ रुपए हो गया है।

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