डीसीपी के तबादले की मुख्यमंत्री ठाकरे को नहीं थी जानकारी , हुए खफा

डीसीपी के तबादले की मुख्यमंत्री ठाकरे को नहीं थी जानकारी , हुए खफा

Anita Peddulwar
Update: 2020-07-07 06:23 GMT
डीसीपी के तबादले की मुख्यमंत्री ठाकरे को नहीं थी जानकारी , हुए खफा

डिजिटल  डेस्क, मुंबई। मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के दस पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) के तबादले के फैसले के बाद उनकी कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। शिवसेना के कुछ नेता उनके काम करने के तरीके से खुश नहीं है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने तबादले का फैसला पलटा तो सिंह ने आनन फानन में मातोश्री जाकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की।  उनकी यह कोशिश कामयाब होगी या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा।  वहीं अब राज्य में बड़े पैमाने पर आला पुलिस अधिकारियों के तबादले की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक शिवसेना ही नहीं राकांपा और कांग्रेस के भी कई नेता सिंह के काम करने के तरीके से खुश नहीं हैं। 

मुंबई पुलिस के फैसलों से सरकार की किरकिरी 

इससे पहले मुंबई पुलिस द्वारा जारी दो किलोमीटर के दायरे में खरीदारी, बाल कटाने, व्यायाम करने के आदेश को लेकर सरकार की किरकिरी हुई थी। विवाद के बाद जारी आदेश में दो किलोमीटर की जगह घर के आसपास शब्द इस्तेमाल किया गया। लेकिन तब तक 25 हजार से ज्यादा वाहन जब्त कर सैकड़ों लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया था। इससे आम लोगों के साथ सत्ताधारी दलों के नेता भी नाराज थे। रही सही कसर उपायुक्तों के तबादले ने पूरी कर दी। शिवसेना इन तबादलों को मराठी और गैर मराठी आईपीएस अधिकारियों के वर्चस्व की लड़ाई के रूप में देखती है।

 

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