बच्चे ही करेंगे बाल मजदूरों की जासूसी

बच्चे ही करेंगे बाल मजदूरों की जासूसी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-13 10:43 GMT
बच्चे ही करेंगे बाल मजदूरों की जासूसी

टीम डिजिटल, भोपाल. मध्यप्रदेश में बाल मजदूरों की जासूसी अब बच्चे ही करेंगे. सरकार ने बाल मजदूरी रोकने और बाल श्रमिकों की खोजबीन के लिए नया फैसला सुनाया है. फैसले के अनुसार अब इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक एवं हायर सेकंडरी स्कूल के बच्चों से ही बाल श्रमिकों की जासूसी कराई जाएगी.

सरकार के इस फैसले का ऐलान तकनीकी शिक्षा, स्कूल एवं श्रम राज्यमंत्री दीपक जोशी ने अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम विरोध दिवस के कार्यक्रम में किया. बताया है कि जासूसी करने वाले बच्चों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. एमपी के हर जिले में होने वाले सर्वे की रिपोर्ट श्रम विभाग को सौंपी जाएगी. इसके बाद जांच होगी और फिर नियोक्ताओं पर कार्रवाई भी होगी.

दीपक जोशी ने कहा कि बचपन बचाने के लिए सरकार और समाज को मिलकर काम करना होगा. राजधानी भोपाल सहित हर जिले में इंजीनियरिंग-पॉलीटेक्निक और हायर सेकंडरी के बच्चों को उनके आसपास बाल श्रमिकों की जासूसी करने को कहा जाएगा. जांच के बाद ऐसे बच्चों को मुक्त कराकर, स्कूल भेजने की व्यवस्था कराई जाएगी.

बाल आयोग के अध्यक्ष डॉ राघवेन्द्र ने कहा बाल श्रम के विरोध में 5 हजार संस्थाएं काम कर रही हैं, लेकिन समस्या बनी हुई है. बच्चों को पढ़ाई और अच्छा माहौल देने की पहली जिम्मेदारी मातापिता की है. इस दौरान बच्चों ने शिक्षा के अधिकार कानून का लाभ 18 साल के बच्चों को भी दिलाने की मांग की, अभी आयु सीमा 6 से 14 वर्ष है. साथ ही 18 साल की उम्र तक हर तरह का बाल श्रम रोका जाए.

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